राष्ट्रीय डेंगू दिवस क्यों मनाया जाता है तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी ये कुछ बातें। ….
1 min readआज के समय में अगर किसी को खांसी, सर्दी, बुखार हो जाए तो इसे कोरोना का लक्षण ही सबसे पहले माना जा रहा है लेकिन आपको बता दें कि बदलते मौसम में डेंगू के मच्छर भी अब हमारे आस पास दस्तक दे रहे हैं और लोगों को अपनी चपेट में ले रहे हैं.
जी हां, इन दिनों डेंगू का प्रकोप भी बढ़ा है. डेंगू बुखार एक ऐसा बुखार है जो मच्छर जनित वायरल बीमारी है जिसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, शरीर में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं. ये बीमारी मादा मच्छर के काटने से होती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 से 2019 के बीच अकेले भारत में करीब साढ़े 6 लाख मरीज इसके प्रभाव में आए थे.
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में डेंगू के केस सामने आते हैं और करीब 3 बिलियन लोग डेंगू के प्रभावित एरिया में रहते हैं जिसमें भारत, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको आदि देश शामिल हैं.
अकेले भारत की बात की जाए तो नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में केवल भारत में डेंगू के 67,000 मामले सामने आए थे
जबकि 2017 डेंगू के मामले में भारत के लिए सबसे खराब साल रहा था. इस साल लगभग 1.88 लाख लोग डेंगू की चपेट में आ गए थे जिनमें से 325 लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी.
द हेल्थ साइट के मुताबिक, डेंगू एक मच्छर जनित वायरल इंफेक्शन या डिजीज है जिसमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि निकल आते हैं. यह फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है. डेंगू दरअसल फ्लेविविरिडे परिवार का वायरस है.
हालांकि ये वायरस 10 दिनों से अधिक समय तक जीवित नहीं रहते लेकिन लापरवाही की गई तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ का रूप ले सकता है जिसमें भारी रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट और अंत में मौत तक हो सकती है.
-अगर आपमें ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
-कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट कराएं, जिससे जानकारी मिले कि शरीर में प्लेटलेट्स की क्या स्थिति है. इसी के आधार पर डॉक्टर आपका इलाज करते हैं.
-डेंगू एनएस1 एजी के लिए एलिसा टेस्ट कराएं. इस ब्लड टेस्ट से डेंगू वायरस एंटीजेन का पता चलता है.
-पीसीआर टेस्ट कराएं. इसे आप शुरुआती चरण में करा सकते हैं.
-सीरम आईजीजी और आईजीएम टेस्ट कराएं. इससे शरीर में एंटीबॉडीज के निर्माण के स्तर की जानकारी मिलती है.
-खूब सारा पानी और ओआरएस पिएं.
-खाने पीने पर खास ध्यान रखें. सूप, काढ़ा, नारियल पानी, अनार आदि का अधिक सेवन करें, खिचड़ी व दलिया खाएं.
इसे मौसम में डेंगू से कैसे करें बचाव
- घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें. कूलर का पानी बदलते रहें. पानी को ढंक कर रखें क्योंकि इन जगहों पर ही मच्छर अंडे देते हैं.
- अगर कहीं खुला जल स्रोत है जिसे हटाया नहीं जा सकता तो उसे ढंक दें या फिर उपयुक्त कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.