September 10, 2024

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सभी जनपदों में मेडिसिन किट एवं एण्टीजन किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। रिकवरी दर में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां वर्चुअल माध्यम से एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 6,725 मामले प्रकाश में हैं। यह 24 अप्रैल, 2021 को प्रकाश में आए कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामलों की संख्या से 31,330 कम है। विगत 24 घण्टों में 13,590 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को उपचार के पश्चात डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में अब कोरोना के कुल एक्टिव मामलों की संख्या 1,16,434 है। इस प्रकार प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को दर्ज किए गए कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक एक्टिव मामलों 3,10,783 में 62.5 प्रतिशत की कमी आयी है। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में निरन्तर वृद्धि हो रही है। वर्तमान में यह दर बढ़कर 91.8 प्रतिशत हो गई है। विगत 24 घण्टों में राज्य में 2,91,156 टेस्ट सम्पन्न किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 58 लाख 22 हजार 409 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग का वृहद अभियान संचालित कर प्रत्येक लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जा रही है। रैपिड रिस्पाॅन्स टीम द्वारा लक्षणयुक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों का एण्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। सभी जनपदों में मेडिसिन किट एवं एण्टीजन किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी जनपद में इनकी कमी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पोस्ट कोविड अवस्था में कतिपय रोगियों में ब्लैक फंगस का संक्रमण देखने में आ रहा है। ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार की पूरी व्यवस्था की जाए। सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि ब्लैक फंगस के उपचार की दवाएं हर जनपद में उपलब्ध करा दी गई है। निजी अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज करा रहे रोगी भी सम्बन्धित मण्डलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर दवा प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का उपचार करा रहे रोगियों की पूरी केस हिस्ट्री तथा लाइन आॅफ ट्रीटमेण्ट की जानकारी प्राप्त कर विशेषज्ञों को उपलब्ध करायी जाए। इससे संक्रमण के उपचार के लिए बेहतर लाइन आॅफ ट्रीटमेण्ट तय करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सी0एच0सी0, पी0एस0सी0 तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का आधार है। अभियान चलाकर इन स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए। केन्द्रों की साफ सफाई एवं रंगाई-पुताई कराई जाए। सभी सी0एच0सी0, पी0एस0सी0 तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तथा आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों पर एण्टीजन टेस्ट की व्यवस्था भी रहे। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में एक डेडीकेटेड टीम को जिला अस्पताल सहित सभी सी0एच0सी0, पी0एस0सी0 तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर के कायाकल्प की जिम्मेदारी दी जाए। यह कार्य तीन-चार दिन में सम्पन्न कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए राज्य में बेड की संख्या निरन्तर बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जा रही है। विगत दिवस विभिन्न अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में 382 बेड की बढ़ोत्तरी हुई है। के0जी0एम0यू0 में एक पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तैयार हो गया है। एक अन्य पीकू की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। आर0एम0एल0आई0एम0एस0 में 120 बेड का पीकू तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री जी ने पीकू की स्थापना की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जनपदों में पीकू के निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ हो जानी चाहिए। डेटलाइन तय करके पीकू के निर्माण का कार्य कराया जाए। उन्होंने कहा कि पीकू के निर्माण कार्य के साथ ही, पीडियाट्रिशियन्स, एनेस्थेटिक्स, टेक्नीशियन तथा पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग का चरणबद्ध कार्यक्रम भी संचालित किया जाए। वर्चुअल के साथ ही फिजिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जाए।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में मानव संसाधन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए संचालित भर्ती की कार्रवाई को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाएं। सेना, स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त चिकित्सकों एवं अन्य चिकित्सा कर्मियों से संवाद स्थापित कर उनकी सेवाएं भी प्राप्त की जाए। बुजुर्ग चिकित्सकों को टेलीकंसल्टेशन के कार्य से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और प्रभावी ढंग से संचालित की जाए। जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर कोविड वैक्सीनेशन कार्यवाही का संचालन किया जाए। 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन के कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर को क्रियाशील किया जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कॉमन सर्विस सेण्टर में कोरोना वैक्सीनेशन हेतु निःशुल्क रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही प्रारम्भ हो गई है। विगत दिवस तक 1 करोड़ 56 लाख 46 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगा दी गयी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में ऑक्सीजन की पर्याप्त बैकअप के साथ उपलब्धता सुनिश्चित रहे। होम आइसोलेशन के मरीजों को भी सहजता से ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहे। सभी अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में बैकअप सहित ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता रहे। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग में निरन्तर कमी आ रही है। राज्य में पर्याप्त बैकअप के साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता है। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में उपलब्ध सरप्लस वेण्टीलेटर को स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त करा दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग इन वेण्टीलेटर को जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया, ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों की जनपद वार सूची तैयार कराई जाए। इन बच्चों के भरण-पोषण और समुचित देखभाल के लिए तात्कालिक तौर पर जनपद में व्यवस्था की जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग इस सम्बन्ध में विस्तृत कार्य योजना तैयार करे। उन्होंने महिला एवं बाल संरक्षण गृहों में कोविड टेस्ट कराए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष के बजट में युवाओं को टैबलेट देने की व्यवस्था की गई है। इस सम्बन्ध में पूरी कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में कोविड संक्रमण की चेन को नियंत्रित करने में आशा जनक सफलता मिल रही है। प्रदेश में आंशिक कोरोना कफ्र्यू को सद्भावपूर्ण तथा प्रभावी ढंग से लागू किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अत्यन्त आवश्यक कार्य से घर से बाहर निकलने वाले लोगों द्वारा अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग और दो गज की दूरी का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी रखी जाए। सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को फूड पैकेट उपलब्ध कराया जाए। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए, जिससे आम जनता को आवश्यक सामग्री की सुचारु आपूर्ति होती रहे। राज्य में अत्यधिक वर्षा अथवा बिजली गिरने की दुर्घटना में मृतक के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता धनराशि प्रदान की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2021 में ड्यूटी करने वाले कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रितों को कम्पेनसेशन देने के लिए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के क्रम में ऐसे प्रकरणों में कार्यवाही करती है। चूंकि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस जब निर्धारित हुई थी, तब कोरोना संक्रमण नहीं था। ऐसे में प्रभावित परिवारों को समुचित मदद उपलब्ध कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग से गाइडलाइंस में संशोधन का अनुरोध किया जाए। उन्होंने मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज को इस सम्बन्ध में राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद बनाकर अनुरोध करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजकीय कर्मी की मृत्यु की स्थिति में नियमानुसार परिवार के एक सदस्य का राजकीय सेवा में सेवायोजन किया जाए। शिक्षामित्र, रोजगार सेवक आदि की मृत्यु की दशा में परिवार के एक सदस्य का उस पद पर समायोजन किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड ड्यूटी कर रहे हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वाॅरियर्स की कोविड संक्रमण से मृत्यु की स्थिति में नियमानुसार कम्पेनसेशन दिया जाए। अन्य राजकीय कर्मियों की भी कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर अनुमन्य सहायता तत्काल उपलब्ध करायी जाए। ऐसे किसी भी कर्मी की देय धनराशि बकाया न रहे। प्रभावित कर्मी से सम्बन्धित सभी प्रकरणों का समय-सीमा में निस्तारण किया जाए।

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