December 15, 2024

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बॉलीवुड कनिका कपूर ने लंबे प्रयास के बाद कोरोना वायरस से जंग जीत ली है। कनिका कपूर का छठा टेस्ट नेगेटिव आया है और इसके बाद सिंगर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि, अभी भी करीब 15 दिन तक सिंगर को क्वारंटाइन में रहना होगा। इस जंग में मेडिकल स्टाफ ने भी काफी मेहनत की और वो सफल रहे। हालांकि, इस दौरान अस्पताल प्रशासन और कनिका कपूर ने इलाज को लेकर एक दूसरे पर कई आरोप भी लगाए। ऐसे में जानते हैं कि आखिर कैसे कनिका कपूर का इलाज हुआ और उन्हें उस दौरान कौन-कौन सी सुविधाएं दी गईं…

कनिका कपूर 9 मार्च को लंदन से भारत लौटी थीं और उसके बाद उन्होंने कई पार्टी और समारोह में हिस्सा लिया था। उसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी और कोरोना वायरस के लक्षण आने के बाद 20 मार्च को उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएशन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद उनके कनिका के कई टेस्ट पॉजिटिव आए थे, जिसके बाद परिवारजन काफी परेशान थे। हालांकि, लंबे समय तक चले इलाज के बाद उनका टेस्ट नेगेटिव आया है और अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

पीजीआई में भर्ती कनिका कपूर को लगातार डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया था। इस दौरान कनिका के पास हर समय एक नर्स तैनात रहती थीं। चार-चार घंटे पर नर्सो की शिफ्ट बदलती थी यानी एक दिन में छह नर्सें ड्यूटी करती थीं। ये नर्सें ही उन्हें दवा खिलाती और अन्य चीजों का ध्यान रखती थीं। ड्यूटी के समय नर्सो को जो पीपीई किट पहननी पड़ती थी और सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए कनिका का इलाज किया गया। साथ ही नर्से भी अपने घर ना जाकर दूसरे स्थान पर जाती थीं।

कनिका कपूर ने आरोप लगाए थे कि उनके साथ ढंग से ट्रीट नहीं किया जा रहा था और एक बार पर्दे के पीछे ही कपड़े चेंज करने के लिए कहा गया था। वहीं अस्पताल प्रशासन ने कहा था कि उनका अच्छे से इलाज किया गया, लेकिन वो मरीज की तरह नहीं बल्कि स्टार्स की तरह व्यवहार कर रही थीं।

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