AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के मामले को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना
1 min readAIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने चीन के मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात की. चीन का बयान आ गया लेकिन 8 घंटे तक मोदी सरकार की तरफ से अब तक कोई बयान नहीं आया. शायद प्रधानमंत्री मोर को दाना खिलाने में व्यस्त रहे होंगे, इसलिए बयान नहीं आया होगा.
ओवैसी ने कहा कि देश जानना चाहता है कि हमारे रक्षा मंत्री ने चीन के रक्षा मंत्री से क्या कहा. क्या उन्होंने कहा कि चीन की फौज जो हमारे यहां घुसकर बैठी है, उस पर सवाल किया. हमारे सिपाहियों को मारा उस पर पूछा? चीन हमारे जमीन पर कब्जा कर के बैठा है, लेकिन सरकार इस पर बात नहीं करना चाहती.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीच कर कहा मॉस्को में हुई द्विपक्षीय वार्ता में चीनी रक्षा मंत्री के बयान जारी करने 8 घंटे बाद भी हमारी सरकार की ओर कोई बयान सामने नहीं आया है. क्या हमारे प्रधानमंत्री अपने राजसी बगीचे में मोर के साथ खेलने में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास लद्दाख में 1000 स्क्वॉयर किमी में चीन पर कब्जे पर बोलने के लिए समय नहीं हैं?’ ओवैसी ने ट्वीट में राजनाथ सिंह को भी टैग किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना के पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के नए प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई और वार्ता के माध्यम से गतिरोध के समाधान पर जोर दिया. दो रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत का केंद्र लंबे समय से चले आ रहे सीमा गतिरोध को हल करने के तरीकों पर था. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है.
8 hours after the Chinese defence minister issued a statement after bilateral talks in Moscow, we still don't have a statement from our government. Is our PM busy playing with peacocks in his palatial garden to not have time for 1000 sq km lost to China in Ladakh?@rajnathsingh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 5, 2020
दरअसल, पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच चार महीने से गतिरोध की स्थिति है. कुछ दिन पहले चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने की असफल कोशिश की थी जिसके बाद तनाव और बढ़ गया.
पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं. अब विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अगले सप्ताह एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने रूस जा सकते हैं.