चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर होगी जेल की सजा : राजस्थान
1 min readपंचायत चुनाव में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करना पंच-सरपंच के प्रत्याशियों और उनके व्यवस्थापकों तथा समर्थकों को महंगा पड़ सकता है.
हालांकि, इससे प्रत्याशियों का पर्चा तो रद्द नहीं होगा, लेकिन उन्हें आर्थिक दंड के साथ 3 साल की जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है. इसके साथ ही कई अन्य तरह की कानूनी अड़चनों का सामना भी करना पड़ सकता है. हाल ही में जोधपुर पुलिस ने कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर दो सरपंच प्रत्याशियों समेत अन्य लोगों के खिलाफ बनाड़ और डांगियावास थाने में मामला दर्ज किया है.
गाइडलाइन के अनुसार, चुनाव लड़ने वाले पंच और सरपंच प्रत्याशी अनुमत तरीके से ही प्रचार कर सकते हैं. आपदा प्रबंधन अधिनियम में इसके उल्लंघन पर कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. चुनाव प्रचार में यदि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए जारी गाइडलाइन का उल्लंघन पाया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 51 से 60 तक और आईपीसी की धारा-188 तथा अन्य विधियों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 3 वर्ष की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा हो सकती है. जिला निर्वाचन अधिकारी को गाइडलाइन का पाल कराने के लिए अधिकृत किया गया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित ने बताया की गाइडलाइन के उल्लंघन करने पर पर्चा तो रद्द नहीं होगा, लेकिन प्रत्याशियों को अन्य कई कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा.
प्रथम चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से मान मनुहार कर रहे हैं. आयोग की सख्ती के बावजूद भी प्रत्याशी मतदाताओं के पैर छू रहे हैं. हाथ मिला रहे हैं. गले मिल रहे हैं. धोक लगाने में सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं.
राज्य में प्रथम चरण का चुनाव 28 सितंबर को है. ऐसे में प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दांव-पेंच अपना रहे हैं.पुलिस प्रशासन की तमाम सख्ती के बावजूद चुनाव प्रचार में पंच-सरपंच प्रत्याशी गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन कर रहे हैं. पुलिस के लिए नियमों की पालना करवाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. आयोग को प्रदेशभर से उल्लंघन के आंकड़े मिल रहे हैं.