मुख्यमंत्री योगी ने 2024-25 महाकुंभ के लिए कार्ययोजना बनाने को दिए निर्देश
1 min readकुंभ-2019 के सफल आयोजन की बड़ी लकीर खींच चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर अभी से महाकुंभ-2024-25 पर जम गई है। उनका भरोसा है कि यह आयोजन भी दुनिया के लिए भव्यता, दिव्यता और सुव्यवस्था का मानक बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभी से महाकुंभ को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाएं और तैयारी शुरू कर दें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रयागराज मंडल के जिले प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी और प्रतापगढ़ के विकास कार्यों की समीक्षा की। मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों से परियोजनाओं की रिपोर्ट लेने के बाद उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रयागराज में आयोजित
होने वाले महाकुंभ के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाए। कोई भी तैयारी अधूरी और अस्थायी नहीं होनी चाहिए। वैश्विक महत्व के आयोजन के लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करें। योगी ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जनवरी 2021 के माघ मेला के दौरान कल्पवासियों के संकल्प को सफल कराने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि यह परियोजना भविष्य की जरूरतों के लिए अति महत्वपूर्ण है। इसकी महत्ता को देखते हुए परियोजना के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। आगामी महाकुंभ जब प्रयागराज में होगा, तब स्मार्ट सिटी जैसी परियोजनाओं से बहुत मदद मिलेगी। सारी परियोजनाएं इस आयोजन को ध्यान में रखकर पूरी की जाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में फ्लोराइड और आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के नियोजित प्रयास किए जाएं। अमृत योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि पेयजल से जुड़ी सभी योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता के साथ हो। घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाना है, कोई गांव न छूटे। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल का मतलब है कि आम आदमी के मेडिकल बिल को आधा कर देना।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज मंडल के पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। भगवान बुद्ध की तपोस्थली कौशांबी के साथ भगवान राम और निषाद की मित्रता की स्थली शृंगवेरपुर सामाजिक समरसता की प्रतीक भी है।
प्रभु राम के वन गमन का मार्ग भी यहीं से होकर जाता है। इससे जुड़े कई अन्य स्थल भी हैं। पर्यटन क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर योजनाएं बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने समयबद्धता और गुणवत्ता का खास ध्यान रखने की बात भी दोहराई।