मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर मतगणना से पहले विधायकों को साधने में जुटे दल :-
1 min readमध्य प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव की मतगणना से ठीक तीन दिन पहले शुक्रवार को भोपाल में सियासी हलचल तेज हो गई। भाजपा-कांग्रेस ने परिणाम आने से पहले ही संभावित समीकरणों को साधना शुरू कर दिया है। भाजपा ने कमजोर कड़ियों पर फोकस कर उनसे मेल-मुलाकात बढ़ा दी है तो कांग्रेस की ओर से कमल नाथ अपने विधायकों सहित सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों से बातचीत कर रहे हैं।
विधायकों को साधने की रणनीति के तहत नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री व भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक भूपेंद्र सिंह ने बसपा के विधायक संजीव कुशवाह, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। बंद कमरे में हुई मुलाकात के बाद सभी ने इसे सामान्य बताया, लेकिन स्पष्ट हो गया कि परिणाम आने से पहले जोड़-तोड़ का खेल शुरू हो गया है। कुशवाह ने कहा, हम पहले से भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं। आगे भी जारी रहेगा। अंतिम फैसला पार्टी प्रमुख मायावती करेंगी।
भाजपा को जैसे ही भनक लगी कि उसके विधायकों में भी कांग्रेस सेंध लगा सकती है तो पार्टी ने कमजोर कड़ियों पर फोकस कर लिया है। 2019 के बजट सत्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के बिल का समर्थन करने वाले दो विधायक शरद कोल और नारायण त्रिपाठी से पार्टी नेताओं ने बातचीत शुरू कर दी है। भूपेंद्र सिंह से मुलाकात के बाद त्रिपाठी ने मीडिया से कहा कि मैं भाजपा में था और भाजपा में ही रहूंगा। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि त्रिपाठी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बड़े बहुमत से सरकार में रहेगी।
भाजपा को बहुमत नहीं मिलने की उम्मीद लगाकर कांग्रेस ने सौदेबाजी और जोड़- तोड़ की प्रारंभिक सूचनाओं पर अपने घर को सुरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी है। कमल नाथ विधायकों के सीधे संपर्क में हैं और दल के नेता भाजपा, निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायकों से संपर्क बनाए हुए हैं। पार्टी ने 11 नवंबर शाम छह बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक मतदान केंद्र स्तर से मिले फीडबैक से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। कुछ निर्दलीय विधायक कमल नाथ से मुलाकात कर चुके हैं। कांग्रेस ने अपने विधायकों को भोपाल बुला लिया है।
कमल नाथ पार्टी नेताओं के साथ प्रतिदिन दो-तीन दौर की बैठक कर रहे हैं। शुक्रवार को भी उन्होंने अपनी कोर टीम के साथ बैठक की। भाजपा नेताओं के कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन देने को लेकर कमल नाथ ने कहा कि अपनी हार को देखते हुए भाजपा ने हर हाल में सरकार में बने रहने के लिए सौदेबाजी और बोलियां लगाने की राजनीति फिर शुरू कर दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा ने जनता के सम्मान को कलंकित करने की सौदेबाजी की तो लोकतंत्र बचाने के लिए कांग्रेस आंदोलन करेगी।