केंद्र ने GST क्षतिपूर्ति के लिए 6,000 करोड़ की 6ठी किस्त जारी की :-
1 min readकेंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) राजस्व की क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपए की 6ठी किस्त जारी कर दी है। इस किस्त के जारी होने के साथ ही अब तक राज्यों को कुल 36,000 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। वित्त मंत्रालय ने एक वक्तव्य में यह जानकारी दी है। बयान में कहा गया है कि 6,000 करोड़ रुपए की इस राशि में से 5,516.60 करोड़ रुपए 23 राज्यों को दिए गए हैं जबकि 483.40 करोड़ रुपए दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुड्डुचेरी इन 3 संघ शासित प्रदेशों को दिए गए हैं। विधानसभा वाले ये तीनों संघ शासित प्रदेश जीएसटी परिषद के सदस्य हैं।
बयान में कहा गया है कि यह राशि 4.2089 प्रतिशत की ब्याज दर पर इस सप्ताह उधार ली गई। केंद्र सरकार द्वारा रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई गई विशेष उधार सुविधा के तहत अब तक कुल 36,000 करोड़ रुपए उधार लिए गए हैं। यह राशि 4.7106 प्रतिशत की औसत ब्याज दर पर ली गई है। देश के शेष 5 राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम का जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से राजस्व खाते में कोई अंतर नहीं है।
केंद्र सरकार यह राशि राज्यों की तरफ से उधार ले रही है। जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को 1.10 लाख करोड़ रुपए की कम प्राप्ति होने का अनुमान है। इस कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार विशेष उधार सुविधा के तहत कर्ज लेकर राज्यों को दे रही है।
बयान में कहा गया है कि जीएसटी मद में होने वाली कमी को पूरा करने के लिए उधार लेने के अलावा भारत सरकार ने राज्यों को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 0.5 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त उधार लेने की भी अनुमति दी है। यह अनुमति उन राज्यों को दी गई है जिन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र के पहले विकल्प को चुना है। इस प्रावधान के तहत अब तक 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपए का अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति दी जा चुकी है।
उधार ली गई इस राशि पर ब्याज का भुगतान जीएसटी के तहत मिलने वाले उपकर से किया जाएगा। कर्ज को चुकाने के लिए उपकर की वसूली 5 साल के बाद भी की जाएगी। उपकर से ब्याज की अदायगी के बाद शेष राशि में से 50 प्रतिशत का भुगतान जीएसटी क्षतिपूर्ति के 1.10 लाख करोड़ रुपए के मूल कर्ज का भुगतान करने के लिए और शेष 50 प्रतिशत राशि अतिरिक्त कर्ज की किस्त चुकाने के लिए किया जाएगा।