December 15, 2024

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आचार्य चाणक्य ने बताई जीवन जीने की ये आसान बाते मिलेगा सम्‍मान

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आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विख्‍यात हुए. उनकी कुशाग्र बुद्धि और तार्किकता से सभी लोग प्रभावित थे. यही वजह है कि वह कौटिल्य कहे जाने लगे.

उन्‍होंने नीति शास्त्र के माध्‍यम से अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर जहां जीवन की परिस्थितियों का सामना करने और सुख-दुख में विचलित न होने के लिए कई महत्‍वपूर्ण बातें बताई हैं, वहीं उन्‍होंने कई और अहम बातों की ओर ध्‍यान दिलाया है.

वह कहते हैं कि सभी जीव मीठे वचनों से आनंदित होते है. इसीलिए हम सबसे मीठे वचन बोलें. इससे जीवन और रिश्‍तों में मधुरता बनी रहती है. चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य द्वारा वर्णित नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं. आइए जानें इसकी खास बातें-

चाणक्‍य नीति कहती है कि जिसका ज्ञान किताबो तक ही सीमित होकर रह गया है और उसने व्‍यवहार में उसे नहीं उतारा और जिसने अपनी दौलत दूसरों के सुपुर्द कर दी है, वह व्‍यक्ति आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तेमाल नहीं कर सकता.

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार पहले के जन्मों की अच्छी आदतें दूसरे जन्‍मों तक साथ रहती हैं. जैसे दान, विद्यार्जन और तप इस जन्‍म में भी चलती रहती हैं, क्योंकि सभी जन्‍म एक शृंखला से जुड़े हुए हैं.

चाणक्‍य नीति कहती है कि इस दुनिया के वृक्ष पर दो मीठे फल लगे हुए हैं. इसमें एक फल है मधुर वचन का और दूसरा है सत्संग का. व्‍यक्ति को इनके माध्‍यम से अपने जीवन में मिठास भरनी चाहिए.

चाणक्‍य नीति कहती है कि जीवन में सम्‍मान का होना बहुत जरूरी है. अपमानित होकर जीने से मर जाना अच्‍छा है. मरने में एक क्षण का दुख तो होता है, पर अपमानित होकर जीने में हर रोज दुख उठाना पड़ता है. इसलिए अपने सम्‍मान का ख्‍याल रखें.

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार सभी जीव मीठे वचनों से आनंदित होते है. सबको मीठे शब्‍द अच्‍छे लगते हैं और अपनी ओर खींचते हैं. इसीलिए हम सबसे मीठे वचन कहें. मीठी वाणी बोलें. मीठे वचनों की कोई कमी न रहे.

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