December 12, 2024

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किसान प्रदर्शनकारियों ने NHAI की लाखों की बिजली इस्तेमाल की, इतने लाखों रुपये के फूंक डाले तार

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तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान प्रदर्शनकारी नवंबर के अंतिम सप्ताह से यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। पिछले 4 महीने से भी अधिक समय से यूपी बॉर्डर पर डटे किसान यहां पर मौजूद संसाधनों का भी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसान प्रदर्शनकारी यहां हाइवे पर लगी स्ट्रीट लाइटों के खंभों से ही दैनिक उपयोग के लिए बिजली का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। आलम यह है कि किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली का एनएचएआइ अभी तक जहां लाखों रुपये का बिल भर चुकी है वहीं, प्रदर्शनकारियों द्वारा ओवरलोड के चलते करीब 25 लाख रुपये कीमत का केबिल भी फुंक चुका है।

खंभों के सर्किट में तार जोड़कर बिजली का कर रहे इस्तेमाल

गर्मियां शुरू होने के साथ ही कृषि कानून विरोधियों के यूपी गेट पर चल रहे धरने में बिजली को लेकर आए दिन हाय-तौबा मच रही है। प्रदर्शनकारी एनएचएआइ की ओर से लगी स्ट्रीट लाइट के खंभों के सर्किट में तार जोड़कर बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अवैध रूप से बिजली इस्तेमाल कर चलाया जा रहा कूलर और पंखा

इससे पहले सर्दी के मौसम के दौरान प्रकाश व्यवस्था के अलावा कपड़े धाेने की मशीन, कपड़ों की प्रेस, मोबाइल फोन चार्ज के अलावा अन्य दैनिक उपयोग किया जाता था। अब गर्मियों में बड़े कूलर, पंखे के अलावा अन्य इस्तेमाल के लिए बिजली इस्तेमाल की जा रही है।

वहीं, अधिक विद्युत भार के चलते अभी तक स्ट्रीट लाइट के लिए डाली गई करीब पांच किलोमीटर लंबी केबिल फुंक चुकी है, जिसकी कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई जा रही है। वहीं, चार माह से अधिक समय से बिजली का इस्तेमाल कर रहे प्रदर्शनकारियों की बिजली के बिल का भुगतान एनएचएआइ कर रहा है। इस घाटे से निपटने के लिए विभाग की ओर से अपने विभाग के अलावा शासन-प्रशासन को अवगत भी कराया गया है।

एनएचएआइ दिन में करेगा आपूर्ति बंद

यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधी धरने पर स्ट्रीट लाइट से विद्युत आपूर्ति कर रहे हैं। चार माह हो चुके हैं अब इस नुकसान से पीछा छुड़ाने के लिए दिन में आपूर्ति बंद करेगा। शाम के समय स्ट्रीट लाइट के लिए आपूर्ति खोली जाएगी। ताकि बिजली का अधिक बिल न बने और अधिक विद्युत भार से केबल व अन्य विद्युत उपकरणों का नुकसान न हो।

एनएचएआइ का हो चुका है लाखों रुपये का नुकसान

वहीं, मुदित गर्ग (परियोजना निदेशक, एनएचएआइ) का कहना है कि  भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का काम हाइवे बनाना और उसका रखरखाव करना है। यूपी गेट पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने से एनएचएआइ को अभी तक लाखों रुपये का नुकसान हो चुका है। स्ट्रीट लाइट के सर्किट में तार जोड़कर लाखों रुपये की बिजली और करीब पांच किलोमीटर लंबी 25 लाख रुपये की केबिल फुंक चुके हैं। इसके लिए योजना तैयार की जा रही है।FacebookTwitterWhatsAppEmail

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