उत्तर प्रदेश : डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दिया बड़ा बयान कहा। …
1 min readउत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक्शन मोड में है. इस बीच चर्चा है कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल और प्रदेश संगठन में संभावित फेरबदल से पहले मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड और पदाधिकारियों से सरकार के कामकाज का फीडबैक लिया जाएगा.
इसी क्रम में यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष दो दिन के लखनऊ के दौरे पर हैं. हालांकि इस कवायद के बीच उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बड़ा बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है.
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि हम साल 2022 में 300 से अधिक सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत प्राप्त करेंगे. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी उन्होंने 300 प्लस सीट जीतने का दावा किया था और इसकी विपक्षी दलों ने जमकर खिल्ली उड़ाई थी
लेकिन विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया तो हकीकत मौर्य के बयान से भी बेहतर थी. उस समय केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष थे. हालांकि योगी आदित्यनाथ को सीएम की कुर्सी मिलने के बाद विपक्ष दलों खासकर सपा और बसपा ने भाजपा पर जमकर तंज कसते हुए इसे मौर्य के साथ धोखा करार दिया था.
माना जा रहा है कि दोनों ( सिंह और संतोष) ही नेता अपने दौरे की रिपोर्ट बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे, जिसके बाद सरकार में फेरबदल और संगठन में बदलाव देखने को मिल सकता है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आरएसएस और बीजेपी नेताओं का यूपी दौरा यूं ही नहीं है.
इसके पीछे किसी बड़े बदलाव की तयारी हो सकती है. वरिष्ठ पत्रकार अनिल भार्गव के मुताबिक, आरएसएस के सेकंड इन कमांड दत्तात्रेय हसबोले के बाद अब राधा मोहन सिंह और बीएल संतोष का दौरा बता रहा है कि कुछ न कुछ खिचड़ी पक रही है.
वैसे उनका यह भी कहना है कि 2022 से पहले किसी बड़े बदलाव की संभावना कम ही है. उधर, बीजेपी का कहना है कि पार्टी नेतृत्व कोरोना महामारी में कार्यकर्ताओं के सेवा कार्यक्रम और जनता की मदद को लेकर यह बैठक कर रही है.यूपी पंचायत चुनाव के दाग छुड़ाने की कवायद
यूपी पंचायत चुनाव के परिणाम से लगे दाग को बीजेपी किसी भी हालत में छुड़ाना चाह रही है. यही कारण है कि यूपी सरकार और संगठन जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के लिए होने वाले चुनावों में अच्छे नंबरों से पास होना चाहती है.
इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहे. फोकस रहा कि किस तरह आपसी मतभेद और गुटबाजी से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को बचाया जाए.
इसके लिए स्थानीय विधायकों, सांसदों, प्रभारी मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की गई. इसके लिए टारगेट रखा गया कि पचहत्तर फीसदी सीटें जीतनी हैं. बैठक में जिताऊ कैंडिडेट पर फोकस करने की राय बनी, भले ही वह बीजेपी का न होकर निर्दलीय हो. इसके लिए स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी दी गई कि बीजेपी में निर्दलीय लोगों को अधिक से अधिक समाहित किया जाए.