आइये जाने इन विधि-विधान से शनि भगवान की पूजा करने से क्या देते है फल। …
1 min readहिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि देव न्याय के देवता हैं और सभी ग्रहों के स्वामी हैं. मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही शनि देव उसे वैसा ही फल देते हैं.
मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी बुरा या अच्छा कार्य शनिदेव से छिपा हुआ नहीं है. शनिवार को शनिदेव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं. मनुष्य द्वारा जान बूझकर और अंजाने में हुई गलतियों का संपूर्ण हिसाब शनिदेव के पास होता है.
इसलिए शास्त्रों में शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. अगर सही तरीके और पूरे विधि विधान से शनिदेव की पूजा की जाए तो इससे ग्रहों की दशा में सुधार होता है.
इसके साथ ही शनिदेव की असीम कृपा प्राप्त होती है. लेकिन कई बार अंजाने में ही कुछ ऐसी गलतियां भी हो जाती हैं जो शनि के कोप का कारण बनती हैं. आइए जानते हैं कि शनि के कोप से बचने के लिए किन गलतियों से किनारा करना चाहिए…
- शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए स्त्रियों से हमेशा सम्मानीय व्यवहार करना चाहिए और उनपर किसी प्रकार की मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक हिंसा नहीं करनी चाहिए. इससे शनि दोष लगता है.
- शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए पशु-पक्षियों और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने की आदत से बचना चाहिए. मान्यता है कि इससे शनिदेव नाराज होते हैं.
- शनि देव न्याय के देवता हैं. ऐसे में कभी भी अपने अधीन काम करने वालों के हितों का हनन नहीं करना चाहिए. उन्हें उनका उचित अधिकार बिना मांगे प्रदान करना चाहिए.
- शनि देव के कोप से बचने के लिए अन्न के अपमान से बचना चाहिए. ऐसे लोगों पर शनिदेव नाराज होते हैं. इसलिए अन्न की बर्बादी से बचना चाहिए.