राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बोले- कितने बच्चे हों, तय करे सरकार, बने नीति
1 min readराष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ को समाप्त करने वाले खुद समाप्त हो गए. बरेली में मोहन भागवत ने कहा, ‘मुझ से पूछा गया कितने बच्चे हों, मैंने कहा सरकार और सब तय करें, नीति बने, अभी पता नहीं, जनसंख्या समस्या और समाधान दोनों है.’
संघ प्रमुख ने ‘भविष्य का भारत पर आरएसएस का दृष्टिकोण’ विषय पर बोलते हुए कहा कि हम भारत की कल्पना कर रहे हैं, भविष्य का भारत तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साल 1940 से पहले तक समाजवादी, कम्युनिस्ट और अन्य सभी राष्ट्रवादी थे. साल 1947 के बाद बिखरे थे. संघ प्रमुख ने कहा कि भारत रूढ़ियों और कुरीतियों से पूरी तरह मुक्त हो, 7 पापों से दूर रहे और वैसा हो जैसा गांधीजी ने कल्पना की थी. उन्होंने कहा कि देश के संविधान में भविष्य के भारत की कल्पना की गई है.
बताया भारत क्यों है हिंदू राष्ट्र
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारतवर्ष में हम सब हिंदू हैं, इसलिए हम हिन्दू राष्ट्र हैं. जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वह हिंदू हैं. उन्होंने कहा कि हम राम, कृष्ण को नहीं मानते तो कोई बात नहीं. इन सब विविधताओं के बावजूद हम सब हिंदू हैं. हम अपनी संस्कृति से एक हैं, हम अपने भूतकाल में भी एक हैं. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं, इनका एजेंडा है. हमारा कोई एजेंडा नहीं है, हम संविधान को मानते हैं. हिंदू ‘हिंदू वसुधैव कुटुम्बकं’ के सिद्धांत पर चलता है.
‘हम भारतीय हैं’ कहने पर ऐतराज नहीं
भागवत ने कहा कि ये कहा जाता है कि संघ वाले जालिम हैं, ये जो भी करेंगे तुम्हारे खिलाफ ही करेंगे. उन्होंने कहा कि हम शक्ति का कोई दूसरा केंद्र नही चाहते सविधान के अलावा कोई शक्ति केंद्र होगा तो हम उसका विरोध करेंगे, क्यों कि ये विचार पहले से तय है. संघ प्रमुख ने कहा कि अगर कोई यह कहता है कि हम हिंदू नही कहेंगे, हम कहेंगे कि हम भारतीय हैं तो हमे इसमें भी कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ को समाप्त करने वाले खुद समाप्त हो गए.