कर्नाटक विधानसभा: में सोमवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा विश्वास मत पेश करेंगे
1 min readअयोग्य घोषित जेडीएस के बागी विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा कि स्पीकर का फैसला कानून के विरुद्ध है। असंतुष्ट विधायक सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
सरकार पर संकट नहीं
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस-जद(एस) के 14 और विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया था जिसके साथ ही अयोग्य ठहराये गये विधायकों की संख्या अब 17 हो गयी है। इसका सोमवार को येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। अध्यक्ष को छोड़कर 224 सदस्यीय विधानसभा में अब संख्या बल 207 रह गया है ।
मत-विभाजन की स्थिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष को बराबर वोट मिलने पर अध्यक्ष वोट करते हैं। बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 104 है। भाजपा के पास एक निर्दलीय के समर्थन के साथ ही 106 सदस्य हैं। कांग्रेस के 66 (नामित समेत) जद(एस) के पास 34, बसपा के एक विधायक हैं।
बसपा ने कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोट नहीं करने पर अपने विधायक को निष्कासित कर दिया था। 14 माह पुरानी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार विश्वास मत खोने के बाद मंगलवार को गिर गयी थी।
इससे पहले येदियुरप्पा ने कहा कि वे सौ फीसदी बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार द्वारा तैयार वित्त विधेयक को भी वे बिना परिवर्तन के सदन में पेश करेंगे।
वहीं रविवार को विधानसभा स्पीकर के. आर. रमेश कुमार ने रविवार को 14 और बागी विधायकों को दलबदल निरोधक कानून के तहत अयोग्य करार दिया। यह कार्रवाई कांग्रेस के 11 और जेडीएस के तीन विधायकों के खिलाफ की गई है। इससे पहले स्पीकर ने गुरुवार को तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया था।
मौजूदा हालात में मुझ पर काफी दबाव है। जिस तरह इन चीजों से निपटने को लेकर मानसिक दबाव डाला जा रहा है, मैं भारी अवसाद में हूं।