जामिया के प्रदर्शनकारी किसी कीमत पर हटने को तैयार नहीं
1 min readजामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना दे रहे छात्र और अन्य प्रदर्शनकारी वहां से हटने के लिए तैयार नहीं हैं. सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने पुलिस, यूनिवर्सिटी प्रशासन और यहां तक कि आंदोलन संचालित कर रही जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी की अपील भी ठुकरा दी है.
पुलिस और प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को होने वाले मतदान के मद्देनजर जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात से हटने की अपील की है. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी आंदोलनकारियों से मुलाकात की लेकिन उन्होंने कहा कि वे एक इंच भी नहीं हटेंगे.
दिल्ली में आठ फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ उपेंद्र सिंह ने यूनिवर्सिटी के गेट नंबर सात से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था.
इसके जवाब में रजिस्ट्रार ने छात्रों से अपील की थी कि वे रास्ता खाली कर दें क्योंकि लोगों को परेशानी हो रही है तथा आठ फरवरी को वोटिंग भी है. इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी परेशानी का समाना करना पड़ सकता है.
रजिस्ट्रार की अपील पर प्रदर्शन को संचालित करने वाली कमेटी जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी ने भी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रदर्शन को 7 और 8 फ़रवरी को यूनिवर्सिटी के गेट नंबर सात से हटाकर गेट नंबर चार के आसपास शिफ्ट कर लेंगे. लेकिन छह फरवरी को देर रात्रि में गेट नंबर सात पर जमा महिलाओं के साथ जामिया के छात्रों ने कमेटी के फ़ैसले के साथ रजिस्ट्रार सहित पुलिस की अपील को ठुकराते हुए कहा कि किसी भी हालत में घरना एक इंच इधर से उघर नहीं होगा.
अब गेट नम्बर सात पर से प्रदर्शनकारियों को हटाने की अपील बेअसर हो गई है. वहां मौजूद महिलाएं आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. वहीं प्रदर्शन को संचालित करने वाली खुद जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी के फैसले को जामिया के छात्र मानने को तैयार नहीं हैं.