रीगा चीनी मिल ने 600 लोगों को नौकरी से हटाया कर्मचारीयो ने किया प्रदर्शन
1 min readबिहार के सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल ने अपने 600 कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखला दिया है. रीगा मिल प्रशासन ने इस बारे में नोटिस जारी कर दिया है. रीगा चीनी मिल प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें अगले दो महीने के लिए अपने कर्मियों से काम न लेने की बात कही गई है. ‘काम नहीं तो पैसा नहीं’ के आधार पर रीगा चीनी मिल ने यह नोटिस जारी किया है. नोटिस में यह भी बताया गया है कि दो महीने की इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है.रीगा चीनी मिल द्वारा जारी इस नोटिस के बाद कर्मचारियों मे संशय की स्थिति बनी हुई है. रीगा चीनी मिल काफी लंबे अरसे से घाटे में चलने का दावा कर रही है. ऐसे में लॉक डाउन की इस कठिन परिस्थिति में प्रशासन अगर मिल के संचालन में अपनी रजामंदी नहीं दिखलाएगा तो उसके 600 कर्मियो की स्थिति क्या होगी, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है.
रीगा चीनी मिल कुछ समय पहले तक राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहा था. चीनी मिल प्रशासन का कहना था कि यदि सरकार मिल को अगर सॉफ्ट लोन के तहत 40 करोड़ रुपए उपलब्ध करा देती है तो वे अपने किसान और कर्मियों को भुगतान कर सकते हैं. किंतु राज्य सरकार ने चीनी मिल की इस अपील पर ध्यान नही दिया. गौरतलब है कि सीतामढ़ी और उसके आसपास के इलाकों में उद्योग धंधों के नाम पर सिर्फ रीगा चीनी मील ही है, जिससे तकरीबन 50 हजार किसानो की रोजीरोटी जुड़ी हुई है और 600 से ज्यादा लोग इस चीनी मील मे काम कर रहे हैं.रीगा चीनी मिल वकर्स यूनियन के महामंत्री मनोज कुमार का कहना है कि हम लोगों ने शनिवार तक काम किया है. दो महीने काम से हटाने या फिर दूसरे किसी फैसले की जानकारी ना तो कर्मियों को दी गई और ना ही यूनियन को कोई सूचित किया गया. जब वे लोग मिल पर आए तो इस नोटिस को चीनी मिल के गेट पर पहुंचे तो नोटिस चिपका हुआ पाया.