एनएच-9 के पास एक युवक की मौत हो गई वाहन चेकिंग के दौरान, पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया
1 min readनोएडा सेक्टर-52 स्थित शताब्दी विहार निवासी गौरव एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे। रविवार को वह माता-पिता को लेकर कार से जा रहे थे। एनएच-9 के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनकी कार पर डंडा मारा। गौरव ने विरोध जताया तो पुलिसकर्मियों से नोकझोंक हो गई। इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। उनके जमीन पर गिरते ही पुलिसवाले मौके से खिसक गए। सोमवार को सोशल मीडिया पर मामले ने तूल पकड़ लिया। एनएच-9 के पास वाहन चेकिंग के दौरान रविवार को एक युवक की मौत हो गई थी।
इस मामले में मंगलवार को अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। गाजियाबाद के एसएसपी ने एसपी ट्रैफिक को जांच सौंपकर बुधवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद मंगलवार शाम गौरव के पिता मूलचन्द्र शर्मा ने इंदिरापुरम थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। गौरव के पिता मूलचंद शर्मा के आंसू थम नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी आंखों के सामने ही सब कुछ लुट गया और मैं कुछ ना कर सका। गौरव गाड़ी चला रहा था। मैं उसके साथ आगे की सीट पर बैठा था, दोनों ने सीट बेल्ट लगा रखी थी। सेक्टर-62 के अंडरपास से निकलते ही तीन-चार ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने रुकने को कहा।
हम गाड़ी रोक ही रहे थे कि उन्होंने डंडे मारने शुरू कर दिए। बेटा उतरा तो नोकझोंक करने लगे और अंतत: उसकी मौत हो गई। एसएचओ इंदिरापुरम ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर अज्ञात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। वाहन चेकिंग के दौरान गौरव के मौत की खबर सोशल मीडिया पर फैली तो लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने शुरू किए। इसके बाद पुलिस को कार्रवाईकरनी पड़ी। गौरव की मौत के बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा था कि गौरव को शुगर की बीमारी थी और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई लेकिन गौरव के ताऊ पीपी शर्मा और चाचा नरेन्द्र शर्मा का कहना है कि गौरव को कोई भी बीमारी नहीं थी। ना ही उसका शुगर या बीपी का कोई इलाज चल रहा था। पुलिसकर्मियों के व्यवहार से उसे हार्ट अटैक पड़ा और उसकी मौत हो गई।