बैन हुआ पबजी, तो चिंता नहीं, ऑनलाइन खेलें ये 5 बैटल रॉयल गेम्स :-
1 min readभारत सरकार ने चीन पर एक और प्रहार करते हुए 118 चीनी मोबाइल ऐप्स बैन कर दिए। जिन ऐप्स पर पाबंदी लगाई गई है, उनमें सबसे बड़ा नाम पब्जी है। भारत में इस मोबाइल गेम्स के करोड़ों दिवाने हैं। बैन लगने के बाद ये लोग दुखी हैं और मांग कर रहे हैं कि पब्जी का विकल्प भी कुछ होना चाहिए। कहा जा रहा है कि कोई देसी गेम बनाया जाना चाहिए। यहां हम ऐसे पांच Battle Royale Games के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें खेलकर लोग पब्जी की कमी पूरी कर सकते हैं। जानिए कौन-से हैं ये गेम्स|
कई लोगों का पसंदीदा, कॉल ऑफ ड्यूटी का मोबाइल संस्करण केवल पिछले अक्टूबर में लॉन्च हुआ, और तब से यह पब्जी को टक्कर दे रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, Call of Duty को जून 2020 तक 250 मिलियन डाउनलोड के साथ $ 327 मिलियन की कमाई की थी। पब्जी मोबाइल की तरह यहां भी 100 खिलाड़ी बंदूकों के साथ एक परिचित युद्ध के मैदान में कूदते हैं।
यह गेम आईओएस और एंड्रॉइड पर खेला जा सकता है और अन्य बैटल रॉयल्स के समान फॉर्मूले पर काम करता है, लेकिन थोड़े से मोड़ के साथ। एक समय में कुल 32 खिलाड़ी रियल टाइम लड़ाइयों में भाग ले सकते हैं, जो 3-5 मिनट लंबे होते हैं।
यह गेम iOS और Android पर मुफ्त में खेला जा सकता है, हालांकि, यह अभी भी पब्जी जितना लोकप्रिय नहीं है। इसमें 10 मिनट के लंबे खेल होते हैं जहां खिलाड़ियों को एक दूरस्थ द्वीप पर जीवित रहने के लिए 49 खिलाड़ियों के खिलाफ लड़ना पड़ता है। यहां खिलाड़ी अपनी प्रारंभिक स्थिति चुनते हैंं, साथ ही हथियार और अन्य साजो-सामान लेने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
इस खेल में 20 मिनट तक जीवित रहने की लड़ाई होती है जिसमें 10 खिलाड़ी एक निर्जन द्वीप पर उतरते हैं और जीवित रहने के लिए लड़ते हैं। द्वीप को 22 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है; यहां अस्पताल, वन, समुद्र तट है। जैसे-जैसे गम आगे बढ़ता है, ये स्थान प्रतिबंधित क्षेत्रों में बदल जाते हैं।
Fortnite: मोबाइल, पीसी, प्लेस्टेशन 4, एक्सबॉक्स वन और निनटेंडो स्विच पर उपलब्ध फोर्टनाइट दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध-रोयाल खेल है। खेल के आधार में 100 खिलाड़ियों को एक युद्ध के मैदान में कूदना पड़ता है ताकि वह लड़ सकें और अंतिम खिलाड़ी जीत जाता है। सबसे बड़ा लाभ यह है कि पब्जी मोबाइल से उल्ट यह स्मार्टफोन पर क्रॉस-प्लेटफॉर्म की सुविधा देता है।
पबजी (प्लेयर्स अननोन्स बेटल ग्राउंड) गेम पर केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध का असर अब तक नजर आ रहा है। गेम की लत वाले बच्चे बेचैन हो रहे हैं। गुस्सैल और हिंसात्मक प्रवृत्ति के होते जा रहे हैं। उनके रहन-सहन में परिवर्तन आ गया है, पढ़ाई में भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे चिंतित कई अभिभावक काउंसलर और मनोचिकित्सक की मदद ले रहे हैं। काउंसलर के पास रोजाना लगभग 10 फोन आ रहे हैं, जिनमें बच्चों के बदलते रवैये पर अभिभावक चिंता जाहिर कर रहे हैं। हालांकि पबजी गेम के बंद होने से अभिभावक खुश हैं, लेकिन बच्चों-युवाओं के बदले व्यवहार से परेशान हैं।
बता दें, केंद्र सरकार ने बीते दिनों पबजी समेत चीन के 118 एप्स पर पाबंदी का फैसला लिया था। हालांकि इसके बाद निरंकुश चीनी नेतृत्व और उसकी शरारती सेना अपनी हरकतों से बाज आएगी, इस बारे में कुछ कहना कठिन है। भारत इसके पहले भी चीन के सौ से अधिक एप्स को प्रतिबंधित कर चुका है। इसके बावजूद उसकी सेना लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर छेडछाड़ करने में लगी हुई है। चीनी सेना किस तरह बेलगाम होकर बेहूदगी पर आमादा है, इसका पता इससे चलता है कि बीते दिनों उसने उस वक्त सीमा रेखा का अतिक्रमण करने की कोशिश की, जिस समय दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत हो रही थी। स्पष्ट है कि चीन आसानी से मानने वाला नहीं है। उसे सख्त संदेश देने के लिए यह आवश्यक है कि आर्थिक मोर्चे पर उसके खिलाफ ऐसे बड़े फैसले लिए जाएं जो उसकी अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंचाएं। बेहतर होगा कि हुआवे सरीखी बदनाम चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने में और देर न की जाए।
महेंद्र सिंह धोनी अभी आईपीएल खेल रहे हैं, इससे पहले उन्होंने एक साल से कोई क्रिकेट मैच नहीं खेला था, इसके बावजूद वे सदा सुर्खियों में बने रहते थे। इस एक साल के दौरान कई बार उनके संन्यास की अटकलें लगाई जाती रही थीं।महेंद्र सिंह धोनी अब यूएई में होने जा रहे IPL 2020 के दौरान मैदान पर वापसी कर चुके हैं। महेंद्र सिंह धोनी भले ही क्रिकेट से संन्यास नहीं ले रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने पसंदीदा गेम पब्जी को अलविदा कहना पड़ा है।