सिलेबस में होगी 40 फीसदी की कटौती, सिर्फ नॉन-कंटेनमेंट जोन में खुलेंगे स्कूल:-
1 min readकोरोना संक्रमण के कारण बंद स्कूलों से छात्रों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है, ऐसे में केंद्र सरकार छात्रों के सिलेबस में 40 फीसदी कटौती करने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि स्कूल खोलने को लेकर केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में सभी स्कूल फिलहाल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया है कि कि केंद्र सरकार की तरफ से 15 अक्टूबर से सभी स्कूलों को खोलने की छूट दी गई है, लेकिन राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने 18 सितंबर को जारी आदेश में 5 अक्टूबर तक के लिए स्कूल बंद रखने को कहा था, इस प्रतिबंध को अब 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।
कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय से बंद स्कूल अब जल्द ही खोले जाएंगे। केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने से संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक 15 अक्टूबर से स्कूल चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे। कोरोना वायरस महामारी के बीच 21 सितंबर से जहां राज्यों को कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की छूट दी गई थी, लेकिन अब सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है।
सरकार ने स्कूल खोलने की छूट केवल नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले इलाकों के लिए दी गई है। स्कूल कब से खोले जाएं, यह तारीख तय करने का अधिकार राज्य सरकारें तय कर सकेंगी। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (HEIs) खोलने को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसी के आधार पर अब राज्य सरकारें भी अपनी गाइडलाइंस जारी करेंगी। स्कूल खोलने का स्टैंटर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) पहले ही जारी किया जा चुका है, जिसमें कोरोना वायरस से जुड़ी सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया था। स्कूल खोलने के संबंध में केंद्र सरकार ने गाइडलाइन में इन बातों को पालन करने के लिए कहा है|
स्कूलों, कोचिंग संस्थानों के लिए यह हैं गाइडलांइस?
– ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।
– अगर छात्र ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।
– छात्र केवल अभिभावक की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे।
-जो भी स्कूल खुलेंगे, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा।
कॉलेज, उच्च शिक्षा संस्थान खोलने के नियम
-कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट कब खुलेंगे, इसपर फैसला उच्च शिक्षा विभाग करेगा।
फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।
सुरक्षा को लेकर नए दिशा-निर्देश
-सबसे पहले दसवीं और बारहवीं की लगेगी कक्षाएं
– एक क्लास में सिर्फ 12 बच्चे ही बैठ सकते हैं
-कोरोना संकट के चलते मार्च से बंद हैं स्कूल
-अभिभावक की अनुमति पर ही बुलाए जाएंगे बच्चे
– बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की
-हफ्ते में दो से तीन दिन ही बुलाए जाएंगे हर कक्षा के बच्चे
– बच्चों के लिए मास्क और सैनिटाइजर जरूरी
कोरोना संकट के कारण मार्च से बंद है स्कूल:-
चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोले जाएंगे। सबसे पहले दसवीं और बारहवीं के छात्र-छात्राओं को बुलाया जाएगा, क्योंकि इनकी बोर्ड परीक्षाओं में अब कुछ ही महीने बचे है। बच्चों को स्कूल बुलाकर इनके प्रैक्टिकल सहित बाकी बचे कोर्स को पूरा कराया जाएगा। कोरोना संकट के चलते मार्च से ही स्कूल बंद हैं और नए सत्र में अभी तक बच्चे एक भी दिन स्कूल नहीं आए हैं। इस बीच, इन बच्चों की पढ़ाई को लेकर स्कूल से लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं। हालांकि, स्कूलों के बंद रहने के बाद भी इन बच्चों की आनलाइन पढ़ाई जारी थी, लेकिन स्कूलों का मानना है कि बच्चों को कक्षाओं में सामने बिठाकर पढ़ाए बगैर बेहतर रिजल्ट नहीं मिल सकता है। फिलहाल स्कूलों को खोलने को लेकर केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे देश के बड़े सरकारी स्कूल संगठनों ने तैयारी शुरू कर दी है।
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर ये बोला केंद्र
स्कूल खोलने के साथ ही सीबीएसई के साथ मिलकर शिक्षा मंत्रालय बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में भी जुट गया है। फिलहाल जो योजना है, उसके तहत दसवीं और बारहवीं की सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं हर साल की तरह अगले साल फरवरी और मार्च में होगी। हालांकि इससे पहले प्री-बोर्ड की पहली परीक्षाएं इस साल दिसंबर में ही कराई जाएंगी। योजना पर काम कर रहे अधिकारियों की मानें तो अगला शैक्षणिक सत्र प्रभावित न हो, इसके लिए परीक्षाएं समय पर ही कराई जाएंगी।