ऑनलाइन त्यौहारी सेल्स से ऐसे करें ‘डील’, जानें फायदे व नुकसान:-
1 min readकहा जाता है कि हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं। मतलब किसी चीज का अगर कुछ लाभ होता है, तो कुछ नुकसान भी अवश्य ही होता है। तात्पर्य यह है कि ना तो किसी चीज से संपूर्ण फायदा होता है और ना ही किसी चीज का संपूर्ण नुकसान।
हम सभी कभी ना कभी, किसी ना किसी सेल में सामान खरीदते रहे हैं। बेशक वह ऑफलाइन सेल हो, जिसमें सामान्य तौर पर जो सेल लगती है, वह किसी एक सीजन के आखिर में लगती है। इसका अर्थ यही होता है कि सीजनल आइटम की बिक्री उस सीजन की समाप्ति तक आसानी से की जा सके। जैसे जाड़े के कपड़े की अक्टूबर से लेकर जनवरी तक सेल लगती है और उसमें बड़ी छूट के साथ पुराने आइटम्स को बेचने के लिए निकाला जाता है। ठीक यही कॉन्सेप्ट ऑनलाइन ई कामर्स कंपनीज ने भी अपनाया है।
सको लेकर ऑनलाइन एक तरह का बज्ज क्रिएट किया जाता है। महीनों पहले से इसका प्रचार प्रसार किया जाता है, ताकि बड़ी छूट का ऑफर देखकर लोग भारी मात्रा में सामान खरीदें। ऐसा होता भी है। एक अनुमान के मुताबिक बड़ी ई कॉमर्स कंपनीज की महीने भर की सेल के बराबर सेल कई बार 1 दिन में ही हो जाती है।
जिस प्रकार तमाम ई-कामर्स कंपनियां महीनों पहले से प्लान करती हैं कि उनको किसी खास दिन पर कोई महासेल लगानी है, ठीक उसी प्रकार आपको भी पहले से प्लानिंग करनी चाहिए कि वास्तव में आपकी रिक्वायरमेंट क्या है?
इसकी आप एक सूची तैयार कर लें। इसमें सेल से एक डेढ़ महीने पहले की रिक्वायरमेंट और सेल के बाद कुछ दिनों तक आपकी ज़रूरतों को नोट करना है। आप इसकी सूची बना लें। तत्पश्चात, दूसरी वेबसाइटों पर सामान्य ढंग से प्राइस कंपेयर करें।
चाहे जो प्रोडक्ट आप लेना चाहते हैं, उस प्रोडक्ट की एक्चुअल वैल्यू आप विभिन्न सोर्सेस से पहले ही नोट करके रख लें। ध्यान रखें, किसी भी प्रोडक्ट की एक्चुअल वैल्यू और उसकी एमआरपी में कई बार काफी फर्क होता है। इसलिए कोई प्रोडक्ट मार्केट पर किस कीमत पर अवेलेबल है, विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनीज में किस प्राइस पर कोई प्रोडक्ट मिल रहा है, इसकी जानकारी आपको पहले से रखनी चाहिए। खासकर तब जब आप किसी सेल में कई सारे प्रोडक्ट खरीदना चाहते हैं।
इसके अलावा ई-कॉमर्स कम्पनियां अपने बैंकिंग पार्टनर्स भी बनाती हैं और उस बैंक का अगर डेबिट / क्रेडिट कार्ड आपके पास है तो आपको अतिरिक्त छूट भी मिलती है। अतः अगर किसी ख़ास वेबसाइट से आप खरीददारी करना चाहते हैं तो उससे सम्बंधित बैंक के कार्ड्स पहले से अपने पास रख लें।
जी हां! कई लोगों की आदत होती है कि भारी छूट देखकर वह ढेर सारा सामान परचेज कर लेना चाहते हैं। ऐसा करने से आपको न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि आपकी थॉट प्रोसेस और प्लानिंग पर भी प्रश्नचिन्ह उठता है। आखिर भारी छूट लेकर अगर आपने गैर जरूरी सामान खरीद लिया है तो उसकी उपयोगिता क्या होगी? इसलिए किसी भी सेल में इस बात के प्रति विशेष सचेत रहें और सिर्फ उपयोगी सामान, जरूरी सामान ही लें|
सेल में कई बार डिफेक्टिव आइटम कुछ कम प्राइस पर बेच दिया जाता है या फिर वह आइटम सेल में बेचा जाता है, जिसकी वारंटी सामान्य तौर पर समाप्त हो चुकी होती है। इसके लिए बारीकी से टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ लें।
इसी प्रकार से कई सारे फूड आइटम्स पर एक्सपायरी की डेट होती है। या फिर वह प्रोडक्ट भी सेल में मौजूद होते हैं, जो बिल्कुल एक्सपायर होने के करीब होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में जैसे कंप्यूटर इत्यादि हैं, इसमें सपोर्ट, सर्विस बेहद इंपॉर्टेंट फैक्टर होता है। उसको आप अवश्य ध्यान में रखें, तभी कोई प्रोडक्ट परचेज करें।
सबसे बड़ी बात यह है कि अगर किसी प्रोडक्ट को आप खरीदने का मन बना चुके हैं और उस प्रोडक्ट का कलर या वारंटी गारंटी आपके मन मुताबिक नहीं मिल रही है, तो आप इस सेल को जाने दें। फिर अगली बार सेल आएगी या फिर दूसरे रेगुलर बिकने वाले प्रोडक्ट को आप ऑनलाइन-ऑफलाइन आसानी से खरीद सकते हैं। सबसे बड़ी बात है उपयोगिता की और उसके लिए कतई समझौता ना करें।