मंडी में समर्थन मूल्य से कम मिल रहे धान के दाम :-
1 min readकृषि उपज मंडी में इन दिनों धान की बंपर आवक शुरू हो गई है लेकिन किसानों को समर्थन मूल्य से आधे ही दाम मिल पा रहे हैं जिससे वह नाराज हैं। किसानों का कहना है कि धान की नीलामी के दौरान गिने चुने ही व्यापारी होने के कारण वह मनमाने दामों पर धान खरीद रहे हैं।
बता दें कि पिछले करीब एक पखवाड़ा से जिले की कृषि उपज मंडियों में धान की आवक शुरू हो गई है। प्रतिदिन हजारों क्विंटल धान की नीलामी हो रही है लेकिन किसानों को धान के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस साल समय पर बारिश नहीं होने और कम बारिश होने के कारण उन्हें धान के खेतों में हजारों रुपए की राशि खर्च कर पानी भरना पड़ा था। मौसम के अनुकूल नहीं रहने के कारण पिछले साल की अपेक्षा इस साल धान की पैदावार भी कम हो रही है इसके बाद कृषि उपज मंडियों में भी उन्हें धान के सही दाम नहीं मिल पा रहे जिससे उनकी लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
पिछले करीब एक पखवाड़े से जिले में धान की नीलामी शुरू हो गई है, किसान धान की उपज लेकर कृषि उपज मंडियों में पहुंचने लगे हैं, लेकिन अभी तक जिले के समर्थन मूल्य केंद्रों पर धान की खरीदी शुरू नहीं हो सकी। जिसके चलते किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि इन दिनों उन्हें रबी की बोवनी करने, त्योहार की खरीदी सहित विवाहित कार्यक्रमों के लिए रुपयों की जरूरत है। इसलिए वह कृषि उपज मंडियों में धान बेचने मजबूर है। यदि समर्थन मूल्य केंद्रों पर धान खरीदी शुरू हो जाती तो उन्हें कम से कम धान के सही दाम मिल सकते थे।
1800 किसानों ने कराया पंजीयन
समर्थन मूल्य पर अपनी धान बेचने के लिए जिले में करीब 18 सौ किसानों ने पंजीयन कराया है। किसान नेता रामवीर सिंह दांगी का कहना है कि कृषि उपज मंडियों में ज्यादातर धान की नीलामी ₹800 से लेकर 1600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की जा रही है जो समर्थन मूल्य से बहुत ही कम है। अच्छी क्वालिटी की धान ₹3000 प्रति क्विंटल तक पिछले साल नीलाम हुई थी लेकिन इस साल अच्छी क्वालिटी की धान भी ढाई हजार रुपए क्विंटल के अंदर ही बिक रही है। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य केंद्रों पर 15 दिन पहले खरीदी शुरू कर देना चाहिए थी।