टेस्ट मैच के दूसरे दिन चेतेश्वर पुजारा के जल्दी आउट होने के बाद चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने पहुंचे भारतीय कप्तान अपनी दूसरी ही गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए। तेज गेंदबाज अबू जायेद की एक तेजी से अंदर आती गेंद विराट के पैड पर टकराई। बांग्लादेशी टीम की जोरदार अपील को अंपायर ने सिरे से नकार दिया। कैमरे में विकेटकीपर ने बंगाली में कहते सुने गए कि वह इंपैक्ट को लेकर श्योर नहीं हैं। कप्तान मोमिनुल कोहली के विकेट की अहमियत समझते थे, उन्होंने तुरंत डीआरएस लेने का फैसला ले लिया।
अब सभी नजरें स्टेडियम की बिग स्क्रीन पर थी, जहां रीप्ले में नजर आया कि लैंथ बॉल ऑफ स्टंप के काफी बाहर पिच हुई, लेकिन तेजी से अंदर आते हुए लेग स्टंप से जा टकरा रही है। विराट कोहली का पिछला पैर बचाव करने से चूक गया। थर्ड अंपायर ने बेहिचक मैदानी अंपायर का फैसला बदलते हुए भारतीय कप्तान कोहली के खिलाफ फैसला सुनाया। अपने पसंदीदा बल्लेबाज का खेल देखने आई जनता के चेहरे पर मायूसी और स्टेडियम में सन्नाटा साफ तौर पर देखा जा सकता था।
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह 10वां मौका था, जब 31 वर्षीय बल्लेबाज बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए। कोहली चार बार गोल्डन डक (पहली ही गेंद पर आउट) हुए। दो बार सिल्वर डक (दूसरी गेंद पर बिना खाता खोले आउट), एक बार चौथी गेंद पर तो एक बार 11वीं गेंद पर शून्य के कुलयोग पर आउट हो चुके हैं। आउट होने का तरीका भी अलग-अलग ही रहा। छह बार उनका कैच लपका गया। तीन बार वह पगबाधा आउट हुए तो एक बार गिल्लियां बिखरीं।
भारतीय सरजमीं पर विराट कोहली तीसरी बार शून्य पर आउट हुए। 2017 में सबसे पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे टेस्ट में वह खाता भी नहीं खोल पाए थे, तब मिचेल स्टार्क ने उन्हें आउट किया था। फिर उसी साल कोलकाता टेस्ट में श्रीलंका के सुरंगा लकमल के खिलाफ भी उन्हें ऐसी ही मायूसी हाथ लगी थी। अब 2019 में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच में बांग्लादेश के खिलाफ भी विराट डक हुए।
इसी के साथ विराट बदकिस्मत भारतीय कप्तानों के क्लब में शामिल हो गए। विराट अब बतौर कप्तान छठी बार डक में आउट हुए, इसी के साथ उन्होंने कपिल देव की बराबरी कर ली। मंसूर अली खान पटौदी (सात) और महेंद्र सिंह धोनी (आठ) लिस्ट में सबसे आगे हैं।