12 लाख में हुई थी डील, DSP देवेंद्र को 2 आतंकियों को आजाद करने की साजिश
1 min readनई दिल्ली. आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने सूत्रों को बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि देविंदर सिंह आतंकियों से पैसे लेकर उन्हें बनिहाल सुरंग पार कराते थे। इस बार भी 12 लाख रुपये में डील हुई थी।
शनिवार की सुबह श्रीनगर से एक आई-10 कार तेजी से जम्मू की ओर फर्राटा भर रही थी. यह कार मामूली नहीं थी. जम्मू-कश्मीर के खुफिया ब्यूरो के आला अधिकारी इस कार की मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे. इस कार में तीन ऐसे टारगेट सवार थे जिनकी इंटेलिजेंस एजेंसियों को बड़ी शिद्दत से तलाश थी. कार तेजी से जम्मू की ओर बढ़ रही थी. तभी दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में जम्मू-कश्मीर पुलिस का नाका आया और कार में बैठी सवारियों की धड़कनें बढ़ गईं.
57 साल के देवेंद्र सिंह कई हफ्तों से पुलिस के रडार पर थे. शोपियां के एसपी संदीप चौधरी देवेंद्र सिंह से जुड़े संदिग्ध कॉल को रिकॉर्ड करने वाले पहले अधिकारी थे. उन्होंने तुरंत अपने सीनियर अधिकारियों को इसकी सूचना दी. देवेंद्र सिंह आतंकी नवीद बाबू को श्रीनगर लाने कुछ दिन पहले शोपियां गया हुआ था. डीएसपी देवेंद्र सिंह अब नवीद बाबू और रफी को जम्मू भागने में मदद कर रहा था. खुफिया सूत्रों ने बताया, “असली मकसद नवीद बाबू और उसके सहयोगी को कश्मीर से बाहर ले जाना और फिर पाकिस्तान भागने में मदद करना था.”
डीएसपी देवेंद्र के घर हथियारों का जखीरा
देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने श्रीनगर के इंदिरा नगर स्थित उसके घर की तलाशी ली तो यहां हथियारों का जखीरा मिला. पुलिस ने यहां से 5 ग्रेनेड, 3 एके-47 राइफल बरामद किए हैं. सूत्र बताते हैं कि इस बात की आशंका है कि देवेंद्र सिंह ने पहले भी आतंकियों की मदद की है. अब पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पर सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं.
बांग्लादेश में डॉक्टरी पढ़ रही हैं बेटियां
रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुका देवेंद्र सिंह की उम्र इस वक्त 57 साल की है. उसकी एक संपत्ति श्रीनगर में दूसरी जम्मू में हैं. इसका परिवार त्राल में रहता है और यहां उसका सेब का बगान है. देवेंद्र के माता-पिता दिल्ली में उसके भाई के पास रहते हैं. देवेंद्र सिंह की पत्नी शिक्षक है और इसके तीन बच्चे हैं. दो बेटियां बांग्लादेश में डॉक्टरी पढ़ रही हैं, जबकि बेटा स्कूल जाता है.