भारत के इस युवा खिलाड़ी ने अपने डेब्यू के पहले ही ओवर में हैट्रिक लेकर रचा इतिहास
1 min readचोट के चलते एक समय क्रिकेट से दूर होने वाले मध्यप्रदेश के गेंदबाज रवि यादव आखिरकार अपना नाम रिकॉर्ड बुक में लिखवाने में कामयाब हो ही गए. रवि यादव अपने फर्स्ट क् लास क्रिकेट में डेब्यू के पहले ही ओवर में हैट्रिक लेने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बन गए हैं. यह भी खास है कि उन्होंने यह कारनामा यूपी के खिलाफ किया, जहां से वह ताल्लुक रखते हैं. मगर मौका न मिलने के कारण उन्हें अपना राज्य छोड़ना पड़ गया था. इससे पहले साउथ अफ्रीका के राइस फिलिप्स के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट के अपने पहले ओवर में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड था. उन्होंने यह कमाल बॉर्डर की ओर से ईस्टर्न प्रोविनस के खिलाफ 1939-1940 में किया था, लेकिन उन्होंने इससे पहले अपने चार मुकाबलों में गेंदबाजी नहीं की थी.
वहीं सात भारतीय गेंदबाजों के नाम डेब्यू मैच में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड हैं. जिसमें जगवाल श्रीनाथ, सलील अंकोला और अभिमन्यु मिथुन काफी चर्चित नाम हैं. हालांकि रवि का यह रिकॉर्ड अपने आप में खास है, क्योंकि उन्होंने डेब्यू के पहले ही ओवर में हैट्रिक ली है.
रवि याादव ने क्रिकइन्फो से बात करते हुए कहा कि मैच के बाद वह चैन की नींद लेंगे, क्योंकि वह जानते हैं कि वह फर्स्ट क्लास क्रिकेटर बन गए हैं. दरअसल 2010 से 2014 के बीच खेल से दूर होने के बाद उन्होंने इसके बारे में साेचा भी नहीं होगा कि वह फर्स्ट क्लास क्रिकेटर बन जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड उन्होंने यूपी के खिलाफ बनाया. वह यूपी में क्रिकेट खेलते हुए बढ़े हुए थे, मगर अंडर 19 के बाद से उन्हें कोई मौका नहीं मिला. रवि के कहा कि अब वह खुश है कि आखिरकार वह अब रणजी खिलाड़ी हैं. 28 साल के रवि लखनऊ के स्पोर्ट्स कॉलेज से हैं. यह वही कॉलेज है, जिसने सुरेश रैना और आरपी सिंह को क्रिकेटर बनाया. रवि का कहना है कि 2010 में उन्हाेंने रैना को कई बार गेंदबाजी करवाई थी. मगर अब उन्हें नहीं पता कि ‘रैना भाई’ को याद भी होगा.
साथी खिलाड़ियों काे देखकर बढ़ाते थे उत्साह
कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद 2010 से 2014 के बीच चोट ने रवि के करियर को झटका दे दिया. उन्होंने अपने करियर को बर्बाद होते देखा. वह नहीं जानते थे कि उनका भविष्य कहां है. उन्होंने कहा कि मैंने अंडर19 के अपने टीम के साथियों को बढ़ते हुए देखा और वह सोचते थे कि हम साथ में बढ़े हुए. वह अगले स्तर पर चले गए और मैं वहीं पर हूं. रवि ने बताया कि वें उन्हें देखकर अपना उत्साह बढ़ाते थे. मगर दुर्भाग्य से उन्हें यूपी में मौका नहीं मिला.