राजधानी लखनऊ के KGMU के ट्रामा सेंटर में लगी आग मचा हड़कंप
1 min readकेजीएमयू ट्रामा सेंटर में बुधवार देर रात मेडिसिन और हड्डी रोग विभाग में भीषण आग लग गई। लिफ्ट के डक्ट से भड़की आग की लपटें सीलिंग तक पहुंच गई। इससे परिसर में हड़कम्प मच गया। धुएं के गुबार में फंसकर मरीजों व कर्मचारियों का सांस लेना मुश्किल हो गया। आननफानन में यहां भर्ती मरीजों को गांधी वार्ड में शिफ्ट किया गया मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल की टीम ने फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड फ्लोर को पूरी तरह खाली करा लिया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझा ली गई। लेकिन, धुएं के चलते लोग अंदर नहीं जा सके।
पुलिस के मुताबिक घटना रात करीब 11 बजे की है। ट्रामा सेंटर के द्वितीय तल पर हड्डी रोग और मेडिसिन विभाग है। दोनों विभागों के बीच लॉबी में अचानक फॉल सीलिंग से गुजर रहे तारों में शॉर्ट सर्किट हो गया। जब तक लोग समझ पाते तब तक चिंगारी आग में तब्दील हो चुकी थी। आग की खबर मिलते ही विभागों में भगदड़ मच गई। तीमारदार मरीजों को लेकर भागने लगे। अफरा-तफरी के बीच रेजिडेंट डॉक्टरों ने लाइट बंद करके शॉर्ट सर्किट पर काबू पाया। फॉल सीलिंग में आग लगने से विभाग में धुआं भर गया।
मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। कई डॉक्टरों कर्मचारियों ने खिड़कियां खोल कर धुआं निकालने की कोशिश की। मरीजों की बिगड़ती हालत के मद्देनजर डॉक्टरों ने उन्हें गांधी वार्ड में शिफ्ट करने का फैसला किया। आनन-फानन में 30 से ज्यादा मरीजों को बेड सहित गांधी वार्ड में भेजा गया आग लगने की घटना के आधे घंटे बाद केजीएमयू का कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंचा। इसकी वजह से स्थिति पर काबू पाने में मुश्किलें हुई। डॉक्टरों को मरीजों को शिफ्ट करने के निर्देश काफी इंतजार करना पड़ा। काफी देर बाद अफसर मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया ट्रामा सेंटर के अधीक्षक डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचित किया।
आग पर काबू पाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। आग पर तुरंत काबू पा लिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर मरीजों को गांधी वार्ड में शिफ्ट किया गया। किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हुई बिल्डिंग के तृतीय तल पर पीआईसीयू व एनआईसीयू है। घटना के वक्त यहां कई बच्चे भर्ती थे। द्वितीय तल पर आग लगने से धुआं तृतीय तल में भी भर गया। इससे वार्ड में भर्ती छोटे बच्चों की जान संसत में पड़ गई। डॉक्टरों के मुताबिक सात बच्चे वेंटीलेटर पर थे। संविदा कर्मियों ने बिना देर किए इन बच्चों को तीमारदारों की मदद से सीढ़ियों के रास्ते सुरक्षित बाहर निकाला।