लखनऊ छात्रा ने SDM से लगाई पिता की मौत पर अंतिम दर्शन की गुहार
1 min readमैडम मेरे पिता एक्सपायर हो गए हैं, प्लीज मुझे घर पहुंचा दीजिये.यह गुहार लॉकडाउन में अपने घर से करीब 300 किलोमीटर दूर फंसी एक बेटी ने एसडीएम रोशनी यादव से लगाई. गुहार सुनते ही एसडीएम ने पूरा बंदोबस्त कर बेटी को उसके घर पहुंचाया, जिसके बाद वह अपने पिता की आखिरी दर्शन कर पाई कोरोना वायरस के दौरान हुए लॉकडाउन में जहां एक ओर पुलिस रोजमर्रा की जरूरतों का ख्याल रखने में जुटी है, तो दूसरी ओर दर्द में भी मरहम लगाने की मिसाल पेश कर रही है. शनिवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया. एक अधिकारी ने ऑफ ड्यूटी रहते हुए भी बता दिया कि फर्ज और इंसानियत सबसे ऊपर है.
महाराजगंज निवासी अन्नपूर्णा लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीजी प्रथम वर्ष की छात्रा है. वह यहां पीजी में रहकर पढ़ाई करती हैं. लॉकडाउन के चलते अन्य लोगों की तरह वह भी अपने परिवार से दूर फंसी हुई थी. शुक्रवार देर रात करीब 10 बजे उनके परिचित ने पिता की मौत की सूचना दी. घर पर सम्पर्क करने पर भी साफ जवाब नहीं मिल सका. उसने अपने साथियों से सहायता मांगी. एक दोस्त ने कलेक्ट्रेट परिसर से सम्बद्ध एसडीएम रोशनी यादव का नंबर दिया. तड़के पांच बजे ही एसडीएम रोशनी के पास लगातार फोन आने शुरू हो गए. फोन पर अन्नापूर्णा की समस्या सुनते ही उन्होंने मदद की. एसडीएम ने अन्नापूर्णा का ऑनलाइन पास बनवाया और घर पहुंचने के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था की, जिससे वह अपने घर पहुंच कर पिता को अंतिम विदाई दे सकीं.
एसडीएम रोशनी यादव ने बताया, मुझे सुबह प्राइवेट नम्बर पर कॉल आया. अन्नापूर्णा ने अपने पिता की मौत की सूचना देकर मदद के लिए गुहार लगाई. चूंकि लॉकडाउन में शहर की सारी सीमाएं सील हैं, ऐसे में बिना गाड़ी पास के उसका घर पहुंचना मुश्किल था. मुझसे जो मदद हो सकी वो मैंने की. वहीं, अन्नापूर्णा के दोस्त पंकज का कहना है कि उनके साथियों ने एसडीएम रोशनी यादव का नंबर दिया. उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में रोशनी की मदद की और उसे घर पहुंचाया.