मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हुआ हमला डॉ सहित 7 हुए घायल
1 min readउत्तर प्रदेश सरकार जहां कोरोना वायरस के संक्रमण में आए लोगों को सुरक्षित करने में जुटी है, वहीं कुछ लोग इसे सफल नहीं होने देना चाह रहे हैं। बुधवार को मुरादाबाद के हॉटस्पॉट इलाके नवाबपुरा में गई पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। पथराव किया और टीम की तीन गाडिय़ों को क्षतिग्रस्त कर दिया। टीम में शामिल एक डॉक्टर समेत सात लोगों को पीटकर घायल कर दिया। पुलिस ने 221 के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके सात महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुरादाबाद के थाना नागफनी क्षेत्र के नवाबपुरा में हाजी नेब वाली मस्जिद निवासी कोरोना संक्रमित सरताज की दो दिन पहले मौत हुई थी। इससे पहले सरताज के बड़े भाई रौनक की मौत पांच अप्रैल को संदिग्ध हालात में हुई थी। उसकी जांच नहीं हुई थी। दोनों एक ही मकान में रहते थे। कुछ दिन पहले ही चेन्नई से लौटकर आए थे। बुधवार को डॉ. सुधीश चंद्र अग्रवाल की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम सरताज के भाई रौनक के परिवार वालों को क्वारंटाइन कराने के लिए नवाबपुरा गई थी।
हमले की घटना के बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि मौके पर डीएम और एसएसपी पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जघन्य अपराध है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज पूरी तरह से सहयोग कर रहा है, लेकिन कुछ लोग अफवाह के चक्कर में ऐसी हरकतें कर रहे हैं। आरोपियों की शिनाख्त कर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मुरादाबाद के थाना नागफनी क्षेत्र के नवाबपुरा क्षेत्र में रहने वाला सरताज आठ अप्रैल को तबीयत बिगडऩे पर उपचार के लिए तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज पहुंचा था, जहां उसे भर्ती कर लिया गया। उसकी लक्षण को देखते हुए नौ अप्रैल को उसका सैंपल लिया गया था। 13 अप्रैल को देर शाम उसकी रिपोर्ट मिली, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। उसी दिन रात दस बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद देर रात सरताज के परिजनों को क्वारंटाइन के लिए आइएफटीएम यूनिवर्सिटी ले जाया गया।