डॉक्टरों पर हमला करने पर होगी 7 साल की जेल राष्ट्रपति ने लगाई मुहर
1 min readनिजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के शामली के फार्म हाउस पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम रेड के लिए पहुंची है. मौलाना साद का ये फॉर्म हाउस कांधला में है. थोड़ी देर में रेड की कार्रवाई शुरू होगी. क्राइम ब्रांच की टीम अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई किट में है.राजस्थान में कोरोना वायरस के 47 नये मामले सामने आये
कोरोना महामारी के संकट से निपटने में सबसे आगे लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों पर पिछले दिनों हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इन हमलों के ख़िलाफ़ विरोध भी जताया था. ऐसे में मोदी सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले को गम्भीर अपराध बना दिया है. स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला या उत्पीड़न को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में ग़ैर जमानती बना दिया गया है. ऐसे मामलों में मुक़दमा 1 महीने में शुरू करने और 1 साल के भीतर केस का फ़ैसला हो जाने का प्रावधान किया गया है.
दोषी पाए जाने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान किया गया है. इसका आधार हमले और उत्पीड़न की गम्भीरता को बनाते हुए सज़ा को दो श्रेणी में बांटा गया है. अगर अपराध ज़्यादा गम्भीर नहीं है तो सज़ा के तौर पर 3 महीने से 5 साल तक की क़ैद हो सकती है. साथ ही 50 हज़ार से 2 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. वहीं अगर गम्भीर हानि हुई तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक क़ैद की सज़ा के साथ साथ 1 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है.