उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ईद उल फितर का त्यौहार मनाया गया बहुत सादगी से। ….
1 min readउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को ईद उल फितर का त्यौहार बहुत सादगी से मनाया गया। लॉकडाउन के चलते मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज नहीं हुई और लोगों ने अपने घरों में ही इस त्यौहार को मनाया।मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से अपील की थी कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वे एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पालन करें।लखनऊ के बड़े मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमने लोगों से अपील की थी कि वे घरों पर रहकर ही नमाज पढ़ें।ईदगाह में चंद लोगों द्वारा विशेष नमाज पढ़े जाने के बाद फरंगी महली ने कहा कि इस बार हर वर्ष की तरह त्यौहार का उत्साह नहीं है लेकिन कोविड-19 के चलते यह सब हो रहा है ।
ईदगाह के मैदान पर हर साल ईद और बकरीद के मौके पर हुजूम उमड़ता था लेकिन आज के जो हालात हैं उसे भी गंभीरता से लेने की जरूरत है।ईदगाह में जिन गिने-चुने लोगों ने नमाज पढ़ी वे सभी चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे और सब ने एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम का पूरा पालन किया। ईदगाह के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था और यातायात को प्रतिबंधित किया गया था ।कुछ मस्जिदों के गेट पर नोटिस लगे थे जिनमें नमाजियों से अपील की गई थी कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते वे घरों पर ही रह कर नमाज़ पढ़ें।त्योहार है इसलिए घरों में सेवइयां बनीं लेकिन इस बार मांसाहार का शौक रखने वालों को खासी मायूसी हाथ लगी।बाजार में गोश्त नहीं दिखा।
यहां तक कि फ्रोजन मीट भी आसानी से उपलब्ध नहीं था। इसी वजह से लोगों ने शाकाहारी व्यंजन पकाए।ईद के दिन शहरे लखनऊ की जिन गलियों में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था, सोमवार को उन गलियों में सन्नाटा पसरा था।शहर में चौक, अमीनाबाद, नजीराबाद, फतेहगंज, लाटूश रोड और कैसरबाग जैसे गुलजार रहने वाले बाजार बंद थे।प्रदेश के अन्य जिलों से जो खबरें मिल रही हैं उनके मुताबिक लॉकडाउन के चलते मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील पर अमल करते हुए लोगों ने घरों में रहकर ही ईद का त्यौहार मनाया।