करगिल विजय दिवस के मौके पर उन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देंगे रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख
1 min readकरगिल महज दो देशों के बीच युद्ध की कहानी भर नहीं थी. यह सफेद बर्फ को अपने लहू से लाल कर देने वाले हिंदुस्तानी फौज की शौर्य, बलिदान और समर्पण की कहानी है.
एक ऐसी कहानी जिसे जानकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं और भारत मां के उन सच्चे वीर सपूतों को दिल बार-बार सलाम करने को कहता है.
विपरित परिस्थियों में भारतीय सैनिकों ने हिम्मत नहीं हारी और पाकिस्तान सेना को खदेड़कर मां भारती के ललाट पर विजय का रक्त चंदन लगाया.
26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था. इसी की याद में ‘26 जुलाई’ अब हर वर्ष करगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
चीन से चल रही तनातनी के बीच 21वां करगिल विजय दिवस इस साल थोड़ा फीका हो सकता है. हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस बेहद धूमधाम से मनाया जाता है.
लेकिन इस बार लेह स्थित 14वीं कोर पूरी तरह से चीन सीमा पर तैनात है इसलिए द्रास-करगिल में कोई खास कार्यक्रम नहीं आयोजित किए गए. हालांकि, लद्दाख के द्रास स्थित करगिल वॉर मेमोरियल पर रविवार को शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.
राजधानी दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस सहित तीनों सेना प्रमुखों के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है.
1999 में कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ. इसमें भारत की विजय हुई. इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान के लिए मनाया जाता है.