December 16, 2024

Sarvoday Times

Sarvoday Times News

BJP MLA नीरज कुमार बबलू ने संजय राउत को माफी मांगने के लिए 48 घंटे की दी मोहलत

1 min read

सुशांत सिंह राजपूत और उनके पिता के संबंधों को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से दिए गए आपत्तिजनक बयान मामले में अभिनेता के चचेरे भाई और बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने शिवसेना सांसद संजय राउत को ईमेल के जरिए कोर्ट नोटिस भेजकर 48 घंटे की मोहलत दी है.

ताकि पारिवारिक मामलों को लेकर उन्होंने जो बयान दिया है, वो उसके लिए माफी मांगे. ऐसा नहीं करने पर सक्षम न्यायालय में सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दाखिल किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेवारी उनकी होगी.

इस संबंध में विधायक नीरज कुमार बबलू के वकील अनीश झा ने बताया कि हमने शिवसेना सांसद संजय राउत को नोटिस भेजा है.

दरअसल, उनके पार्टी मुखपत्र सामना में जो आलेख छपी थी, उसमें उन्होंने कुछ ऐसी भ्रामक बातें कही थी, जो काफी खेदजनक और अविश्वसनीय है.

उन्होंने कहा संजय राउत का यह बयान कि सुशांत के पिता की दो शादी हुई थी, इसलिए सुशांत को अपने पिता से तकलीफ थी सर्वथा अनर्गल, झूठ और बेबुनियाद है.

इसी बात से लोग मर्माहत हैं. एक प्रतिभाशाली कलाकार के असमय हुई मौत की जांच चल रही है. इस दौरान मामले से जुड़ी भ्रामक बातें फैलाना एक सुनियोजित साजिश है. कुछ लोग नहीं चाहते कि इस रहस्य से पर्दा उठे और मामले की सही तरह से जांच हो सके.

अनीश ने कहा की संजय राउत एक जिम्मेदार पद पर हैं. उन्हें ऐसी किसी बातों का सहारा नहीं लेना चाहिए जिससे यह लगे कि जांच के दिशा को मोड़ने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि संजय राउत ने उन बातों का जिक्र किया है जिसका ना कोई बुनियाद है और ना धरातल पर ऐसा कुछ मामला है.

वो नेता हैं हो सकता है राजनीतिक दबाब में या किसी अन्य के बहकावे में आकर अनर्गल बयान दे दिया है. ऐसे में उनको मौका दिया गया है कि वे अविलंब 48 घंटे के अंदर उसपर खेद प्रकट करें या माफी मांगे क्योंकि भूल सबसे होती है.

उन्होंने कहा की पूरे भारतवर्ष को जानना है कि सुशांत सिंह राजपूत की किस प्रकार से हत्या हुई है. यह एक रहस्य बना हुआ है और इसमें जिस तरह से अनुसंघान को बाधित करने की कोशिश हुई है,

जिस तरह से राजनीतिक रंग देने की कोशिश हो रही है, इसका इससे कोई लेना देना नहीं है ये ना महाराष्ट्र का सवाल है और ना बिहार का सवाल है, ये केवल न्याय का सवाल है. अनुसंधान निष्पक्ष और सही तरीके से हो, ताकि सही बात की जानकारी लोगों को मिल सके.

उन्होंने कहा कि जितने भी सुशांत को चाहने वाले लोग हैं, सभी उनकी असामयिक मौत से मर्माहत और दुखी हैं. इस बीच अगर कोई भी व्यक्ति आकर जांच को गुमराह करने की कोशिश करे या किसी प्रकार से अनुसंधान की दिशा और दशा को तोड़ने और मरोड़ने की कोशिश करे तो यह अशोभनीय और गलत है.

loading...
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.