मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आया : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
1 min readमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है.
योगी आदित्यनाथ ऑफिस के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से ये जानकारी दी गई है. ट्वीट में बताया गया कि अब तक उसकी 66 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है.
41 करोड़ की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है. मुख्तार अंसारी गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
इसके बाद योगी आदित्यनाथ ऑफिस के हैंडल से ट्वीट कर बताया गया कि अवैध कब्जेदारों, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निष्क्रांत सम्पत्ति पर अवैध कब्जे एवं अवैध निर्माण कराने के षड्यंत्र में शामिल माफिया मुख्तार अंसारी, उनके पुत्रगण और इस षड्यंत्र में शामिल सभी व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.
अपराधियों से किराया भी वसूल करेगी सरकारसाथ ही ऐलान किया गया कि अपराधियों की अवैध सम्पत्तियों के उपभोग से हुई किराए की वसूली और उनको ढहाने का खर्च भी अपराधियों से ही वसूला जाएगा. वहीं, पूरे प्रकरण में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, जिससे इस प्रकार के आपराधिक कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो.
माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है।
अब तक इसकी ₹66 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है। ₹41 करोड़ की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है।
इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं।
कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी…
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) August 27, 2020
लखनऊ में मु़ख्तार की दो अवैध बिल्डिंग गिराई गईंबता दें लखनऊ में गुरुवार को माफिया डॉन मुख़्तार अंसारी की दो अवैध रूप से कब्ज़ा कर बनाई गई दो मंजिला बिल्डिंगों को जमींदोज कर दिया गया. लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा पुलिस के साथ मिलकर डालीबाग़ स्थित इन दोनों बिल्डिंगों को गिराने की कार्रवाई की गई है. बता दें मुख़्तार अंसारी ने शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा कर ये इमारतें खड़ी की थी.
दरअसल, मुख़्तार अंसारी ने इन दोनों बिल्डिंगों को पहले अपनी मां राबिया के नाम ट्रांसफर करवाया. उसके बाद अपने दोनों बेटों के नाम ट्रांसफर करवा दिया. यह दोनों बिल्डिंग गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थीं. मूलतः यह शत्रु संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की हैं.
अपराधियों की अवैध सम्पत्तियों के उपभोग से हुई किराए की वसूली तथा इनके डिमोलिशन का खर्च भी अपराधियों से ही वसूला जाएगा।
साथ ही, पूरे प्रकरण में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, जिससे इस प्रकार के आपराधिक कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) August 27, 2020
इस मामले में बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इन्हें ध्वस्त किया गया. मुख़्तार अंसारी ने शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्ज़ा करने के बाद जमीन को दोनों बेटों अब्बास व उमर के नाम ट्रांसफर करा दी थी. इसके बाद इस जमीन पर दो मंजिला इमारत बना ली. एलडीए ने 11 अगस्त को धव्स्तीकरण का आदेश जारी किया था. जिसके बाद गुरुवार को एलडीए, 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी मशीनें पहुंची थीं.