September 9, 2024

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मर्दों ने प्रसूता के शव को कंधा देने से किया इनकार,महिलाएं शव खटिया पर लेकर पहुँची श्मशान घाट…

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मानवता पर अंधविश्वास हावी होने का मामला छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य कांकेर जिले में सामने आया है।यह घटना कांकेर जिले के सुदूर आमाबेड़ा इलाके की है।आमाबेड़ा में एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मृत्यु हो हो गई।इसके बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए शव को श्मशान घाट ले जाना था,लेकिन गांव के पुरुषों ने प्रसूता के शव को कंधा देने से इनकार कर दिया।इसके पीछे पुरानी परंपरा का हवाला दिया गया।

बीते 15 अक्टूबर को कांकेर के आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम तुमुसनार में एक प्रसूता सुकमोतीन की मृत्यु प्रसव के दौरान हो गई।उन्‍होंने रात तकरीबन 2.30 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया।शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई।सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया।

फिर उसका शव 16 अक्टूबर को उसका शव गांव पहुंचा।इसके बाद पुरुषों ने उसके शव को कंधा देने से इनकार कर दिया।इसके पीछे मृत्यु के दौरान प्रसूता के अछूत होने का हवाला दिया गया।पुरुषों ने कहा कि पुरानी परंपरा है कि ऐसी स्थिति में मृत्यु के बाद पुरुष शव को कंधा नहीं देते हैं।इसके बाद गांव की ही महिलाएं आगे आईं और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की।

जब शव को कंधा देने से पुरुषों ने इनकार कर दिया तो गांव की महिलाओं ने प्रसूता के शव को खटिया पर लादकर कंधा दिया।इसके बाद गांव के बाहर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया।इस मामले में केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि सुदुर इलाकों में लोगों में जागरुकता का आभाव है।इसके चलते ही इस तरह ही परंपराओं को आज भी महत्व दिया जा रहा है।सरकार द्वारा उन इलाकों में जागरुकता लाने की कवायद की जा रही है।

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