लॉकडाउन के दौरान भारत में बढ़ी महिला कर्मचारियों की भागीदारी, वर्क फ्रॉम होम का मिला फायदा:
1 min readकोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए में मार्च के आखिर में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान भारत में महिला कर्मचारियों की भागीदारी बढ़ी है। लिंक्डइन की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, महिला कर्मचारियों की हिस्सेदारी अप्रैल में करीब 30 फीसद से बढ़कर जुलाई के अंत में 37 फीसद हो गई। लिंक्डइन द्वारा अपनी रिपोर्ट ‘लेबर मार्केट अपडेट’ का दूसरा संस्करण जारी किया गया है।
भारत में नौकरियों के लिए भर्तियां जारी हैं और लैंगिक समानता में भी सुधार हुआ है। लिंक्डइन की रिपोर्ट के अनुसार, जून के मुकाबले जुलाई महीने में नियुक्तियां 25 फीसद अंक बढ़ गईं। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका से जोखिम अभी भी बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर आर्थिक दृष्टिकोण के कारण आगे सुधार प्रभावित हो सकता है।
वैश्विक रूप से देखें, तो कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किये गए लॉकडाउन के उपायों का महिला कर्मचारियों की भागीदारी पर काफी अधिक प्रभाव पड़ा है।
लिंक्डइन के वैश्विक विश्लेषण से पता चला है कि कई विकसित देशों में महिलाओं को काम पर रखने ने 2020 में यू-आकार के प्रक्षेपवक्र का पालन किया, जो जून और जुलाई में ठीक होने से पहले अप्रैल में गिरता है। हालांकि, भारत ने लिंग समानता को बनाए रखने और यहां तक कि इसमें वृद्धि करने में भी सफलता पायी है।
भारत में, वर्क फ्रॉम होम से निश्चित रूप से लिंग समानता में वृद्धि हुई है और साथ ही प्रमुख क्षेत्रों में महिला प्रतिनिधित्व में भी वृद्धि हुई है।
लिंक्डइन में आर्थिक ग्राफ टीम के एपीएसी मुख्य अर्थशास्त्रीपी यिंग चुआ ने कहा, ‘लॉकडाउन ने लचीले काम के घंटों द्वारा समर्थित वर्क फ्रॉम होम की स्वीकृति को बढ़ावा दिया, इससे महिलाओं के लिए अपने करियर का पुनर्निर्माण करने और इसे नए सिरे से शुरू करने के अवसर बढ़े हैं।