May 7, 2024

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कारोबारी के मासूम बेटे को किया गया किडनैप और मांगी मोती रकम 15 लाख दो दोषी गिरफ्त में :-

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कानपूर बीते दिनों कई बड़े मामलों में मात खा चुकी खाकी ने इस बार अपनी अलर्टनेस से बड़ी वारदात को टाल दिया। पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से न सिर्फ किडनैपिंग का खुलासा हुआ बल्कि पुलिस ने किडनैप्ड बच्चे को भी बरामद कर लिया। दोनों शातिर अपराधी भी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। खाकी की इस जीत का सेहरा डीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह, एसपी पश्चिम डॉ। अनिल कुमार शर्मा और पीआरवी के एक सिपाही के सिर पर सजा है।

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कल्याणपुर के पुरानी शिवली रोड निवासी अमित शुक्ला की शिवली रोड पर लक्की बेकरी के नाम से शॉप है। 23 अक्टूबर को रात लगभग सवा नौ बजे उनका बेटा ऋषि शुक्ला दुकान के बाहर से गुम हो गया। काफी तलाशने पर भी बेटे का पता नहीं चला। इसी दौरान घर में एक लिफाफा पड़ा मिला जिसमें तीन पेज की एक चिट्ठी थी। जिसमें बेटे को वापस पाने के लिए 15 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। चिट्ठी में लिखा था कि रुपए लेकर 2.30 बजे नारामऊ आना है।

चिट्ठी मिलने पर बेकरी कारोबारी ने इस बात की जानकारी कल्याणपुर इंस्पेक्टर अजय कुमार सेठ को दी। इंस्पेक्टर ने वारदात की जानकारी डीआईजी और अन्य ऑफिसर्स को दी। जिसके बाद पुलिस अलर्ट हो गई, शहर की सीमाएं बंद कर पीआरवी को अलर्ट कर दिया गया। पुलिस बच्चे और किडनैपर्स की तलाश में जुट गई। उधर किडनैप करने वाला बिल्हौर के उत्तरीपूरा निवासी आदित्य पाठक बच्चे को लेकर अपने दोस्त शैलेंद्र के पास पहुंचा। जहां उसने बच्चे को शैलेंद्र को दिया और खुद फिरौती की रकम वसूलने निकल गया। शैलेंद्र ई-रिक्शा से बच्चे को लेकर मंधना विद्युत सब स्टेशन पर तैनात मीटर रीडर अभिषेक सोनी के पास पहुंचा। अभिषेक का भाई शैलेंद्र का दोस्त है। बच्चा लगातार रो रहा था। शक होने पर अभिषेक ने शैलेंद्र को बैठा लिया और पुलिस को खबर कर दी। उधर, सूचना मिलते ही इसी इलाके में गश्त कर रहे पीआरवी सिपाही पहुंच गए।

पूछताछ की गई तो मासूम के अपहरण की कहानी सामने आई। जिसके बाद पीआरवी सिपाहियों ने अगवा बच्चे और हिरासत में लिए गए अपहरणकर्ता शैलेंद्र को कल्याणपुर पुलिस को सौंप दिया। कल्याणपुर पुलिस ने शैलेंद्र से पूछताछ कर अपहरण के मास्टरमाइंड और अमित शुक्ला के पड़ोसी उतरीपुरा निवासी आदित्य पाठक को भी रात में ही गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर अजय सेठ ने बताया कि कारोबारी के पड़ोसी युवक आदित्य पाठक ने अपने दोस्त शैलेंद्र के साथ अपहरण की कहानी रची थी।

शैलेंद्र और आदित्य दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। शैलेंद्र आईटीआई जबकि आदित्य बीकॉम कर रहा है। पूछताछ में शैलेंद्र ने बताया कि आदित्य ने नौकरी दिलवाने के लिए उससे दो लाख रुपए लिए थे। रुपए वापस मांगने पर आदित्य ने बेकरी कारोबारी के बच्चे को किडनैप करने की प्लानिंग बना ली, जासूसी सीरियल देखकर उन्होंने किडनैपिंग की स्क्रिप्ट लिखी थी।

गिरफ्तार किए गए आदित्य पाठक ने बताया कि बेकरी कारोबारी के घर के पास ही वह किराये पर रहता है। इलाके के लोगों से बताया था कि वह एसबीआई में नौकरी करता है और औरैया का रहने वाला है। अक्सर कारोबारी के घर आने जाने से उनका बच्चा भी पहचानता था। इसी वजह से उसने बच्चे को सॉफ्ट टारगेट चुना। शैलेंद्र ने बताया कि उनकी योजना फिरौती की रकम वसूलने के बाद बच्चे की हत्या की थी। इसी वजह से वे मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।

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