May 7, 2024

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पराली पर तो रोक, शहर में कूड़ा जलता है बेरोकटोक :-

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शहर में कूड़ा न जलाया जाए, कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान भी है। लेकिन इसके बाद भी बरेलियंस प्रदूषण फैलाने से रोकने के लिए कितना अवेयर है, इसकी हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने थर्सडे को शहर के अलग-अलग एरिया का रियलिटी चेक किया, तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई। शहर के डेलापीर स्थित आशा पुरम कॉलोनी, लाल फाटक, कुदेशिया फाटक और नवादा शेखान एरिया में कूड़ा जलाया जा रहा था। इतना ही नहीं यहां पर पूरा दिन खुले में कूड़ा जलाया जाता रहा लेकिन किसी जिम्मेदार ने उस एरिया में जाकर किसी से कूड़ा जलाने के लिए पूछताछ तक नहीं की। शायद यही कारण है कि शहर में कूड़ा जलाने वाले आए दिन कहीं न कहीं कूड़ा में आग लगा देते हैं इससे शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। आइए बताते हैं आपको शहर में कूड़ा जलाने और प्रदूषण फलाने वाले एनसीआर और उससे सटे राज्यों में लगातार बढ़ रहे एयर पॉल्यूशन पर काबू पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केन्द्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए कानून लागू कर दिया है। इस कानून के जरिए एयर पॉल्यूशन बढ़ाने के जिम्मेदारों पर एक करोड़ रुपए जुर्माना और पांच साल की जेल तक की कार्रवाई हो सकती है। इस सख्त कानून को लेकर शहर में जरा सी भी अवेयरनेस व अलर्टनेस नहीं है। आम आदमी तो छोड़ो सरकारी विभाग और जिम्मेदार अफसर भी पॉल्यूशन फैलाने में पीछे नहीं है।

No check on burning of garbage heaps in city

शहर के कुदेशिया फाटक के पास शास्त्री नगर में कोई कर्मचारी अपने वाहन से मोहल्लों से कूड़ा लेकर पहुंचा था। वह रोड किनारे ऑटो को खड़ा करके वहीं बैठ गया और कूड़े के साथ प्लास्टिक को रोड किनारे ही डालकर आग लगा दी। इससे रोड किनारे काला धुआं उठने लगा। इससे रोड से निकलने वालों को प्रॉब्लम तो हुई लेकिन इस तरह ओपन में कूड़ा जलाने वाले पर कार्रवाई नहीं हुई।

दीपावली पर लोग अपने घरों की तो सफाई करने में लगे हुए हैं लेकिन इस कूड़ा को नगर निगम कर्मचारी को न देकर आसपास के खाली प्लॉट में डालकर आग लगा दे रहे हैं। ऐसा ही डेलापीर स्थित आशा पुरम कॉलोनी में वहां के निवासियों ने किया। प्लॉट में काफी पालीथिन भी पड़ी थी उसके साथ पड़े कूड़े में किसी ने आग लगा दी। इससे पूरी कॉलोनी में धुआं हो गया लोगों को भी सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही थी।

शहर के मोहल्ला नवादा शेखान में कुछ खाली प्लॉट भी हैं। इन खाली प्लॉटों में आसपास के लोग ही गंदगी और कूड़ा फेंकने का स्थान बना चुके हैं। प्लॉट में पड़े हुए कूड़े को किसी ने मॉनिंग में आग लगा दी। इससे मॉनिंग वॉक पर जाने वाले लोगों को सांस लेने में भी प्रॉब्लम होने लगी। ऐसा यह पहली बार नहीं बल्कि अक्सर होता है लेकिन इसके बाद भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

बदायूं रोड स्थित लाल फाटक पर किसी ने कूड़े के ढेर में आग लगा दी। पूरा दिन कूड़ा जलता रहा और धुआं भी होता रहा। रोड किनारे जल रहे कूड़े से रोड से निकलने वालों को भी प्रॉब्लम हुई लेकिन इसके बाद भी किसी जिम्मेदार ने इस तरफ आकर काई छानबीन तक नहीं की। जलाए गए इस कूड़े से रोड ही नहीं आसपास के कॉलोनी में भी धुआं हो गया लेकिन इस पर जिम्मेदार कोई एक्शन लेने के लिए तैयार नहीं थे।

अक्सर लोग जगह-जगह कूड़ा जला देते हैं जो गलत है। लोगों को अवेयर होना चाहिए कि वह कूड़ा जलाएंगे तो प्रदूषण फैलेगा। कूड़ा जलाने वालों पर जिम्मेदारों को कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि लोग कूड़ा जलाने से पहले डरें।

पराली न जलाएं इसके लिए किसान तो अवेयर हो गए हैं वह पराली जलाने से डरने लगे हैं। लेकिन शहर के लोग ही इधर-उधर कूड़ा डालकर आग लगा देते हैं। इससे साफ है कि प्रदूषण फैलाने के लिए किसान ही नहीं बरेलियंस भी कम जिम्मेदार नहीं है।

कई लोग तो मोहल्ले के खाली प्लॉट में पड़े कूड़े में रात में भी आग लगा देते हैं। यह कूड़ा सुबह तक जलता है। इससे सुबह को मार्निंग वॉक पर जाने वालों को भी सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगती है। शहर में अधिक प्रदूषण के कारण डॉक्टर्स भी मॉर्निंग वॉक को जाने से मना करते हैं।

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