केजरीवाल दिल्ली मोटर व्हीकल एक्ट लागू न करके लाल फीताशाही को बढ़ावा दे रहे हैं – विजेन्द्र गुप्ता
1 min readनई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज प्रदेश कार्यालय पर आयोजित एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुये कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये मोटर व्हीकल एक्ट 2019 को दिल्ली में जानबूझ कर लागू नहीं कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने क्लाज लगाकर ऑटो व टैक्सी चालकों को बैज देने के नाम पर आठवीं कक्षा तक का सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य किया है जबकि केन्द्र सरकार ने इस अनिवार्यता को खत्म कर रोजगार का सृजन करते हुये स्कील्ड चालकों के मोटर व्हीकल एमेन्डड एक्ट के तहत लाईसेन्स दिया है।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि हम केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये मोटर व्हीकल एमेन्डमेन्ट एक्ट 2019 का स्वागत व अभिनंदन करते है जिसे देश में लागू हुये लगभग दो महीने होने जा रहे है लेकिन उसी एक्ट को दिल्ली की सत्ता में बैठी केजरीवाल सरकार ने राजनीति करते हुये जानबूझ कर लागू नहीं किया। पहले के नियम के अनुसार चालक का लाईसेन्स लेने के लिए आंठवीं कक्षा तक का सर्टीफिकेट होना अनिवार्य था।
गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार ने इससे प्रभावित लोगों की मजबूरियों को देखते हुये जोकि ऑटो रिक्शा चलाने में तो पूरी तरह से निपूण थे, लेकिन सर्टीफिकेट न होने के कारण लाईसेन्स से वंछित रह जाते थे, उनको राहत देते हुये आंठवीं कक्षा तक की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। किन्तु केन्द्र सरकार द्वारा समाप्त किये जाने पर भी आज तक केजरीवाल सरकार ने इस नियम को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया है। 8वीं कक्षा का सर्टीफिकेट नहीं है तो ऑटो व टैक्सी चलाने का बैज नहीं दिया जाता है। ऐसा नियम दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने लागू कर रखा है जिससे स्कील्ड होते हुये भी दिल्ली के हजारों ऑटो चालकों को बैज नहीं मिलता और वो अपना रोजगार न चला पाने के कारण दो जून की रोटी भी जुटा नहीं पाते है।
गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने रोजगार सृजन का एक अच्छा माध्यम बनाया है लेकिन इस पर भी राजनीति करते हुये मुख्यमंत्री ने जानबूझ कर एमेन्डमेन्ट एक्ट को रोक दिया है। बैज के नाम पर केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार को खूब बढावा दे रही है। बैज न होने की वजह से ऑटो-टैक्सी चालकों को शोषण झेलना पड़ रहा है उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। आंठवी के सर्टीफिकेट की अनिवार्यता वर्ष 2007 से पहले नहीं थी लेकिन 2007 के बाद इसे अनिवार्य कर दिया गया। वर्ष 2013 में कांग्रेस की सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में क्लाज के माध्यम से 8 वीं कक्षा का सर्टीफिकेट पास होना अनिवार्य कर दिया। प्रश्न यह उठता है कि जिसकी आवश्यकता को नहीं मानते हुये केन्द्र सरकार ने एक्ट को संशोधित कर समाप्त कर दिया है उसे केजरीवाल सरकार दिल्ली में क्यों लागू किये हुये है।
गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि मुख्यमंत्री 8वीं कक्षा के सर्टीफिकेट की अनिवार्यता को जल्द से जल्द दिल्ली से समाप्त करें वरना भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और ऑटो-टैक्सी यूनियन के लोग मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर धरना प्रदर्शन करेगें। केजरीवाल सरकार यदि अपनी इच्छाशक्ति से चाहती तो वर्ष 2015 में ही इस अनिवार्यता को समाप्त कर सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।