December 15, 2024

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राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्यपाल की ओर से अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर मांगी गई थी. जिसकी अनुमति राज्य सरकार द्वारा नहीं दी गई. इस बात के सामने आने के बाद ममता बनर्जी के कई मंत्रियों ने राज्यपाल पर निशाना साधा था.

शुक्रवार शाम बर्दवान शहर में पहुंचे राज्यपाल से जब पत्रकारों ने ममता बनर्जी के इन मंत्रियों के बयानों के बारे में पूछा तो राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने कहा कि ममता बनर्जी के अलग-अलग मंत्रियों के इस टिप्पणी पर मैं कुछ नहीं बोलना चाहता हूं. और मुझे उम्मीद है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही इन सभी के बयानों को सामूहिक तौर पर सुनकर विचार करेंगी और उनपर नियंत्रण करेंगी.

कमर तोड़ देने वाली सड़क
राज्यपाल ने कहा, ”आज मैंने 700 किलोमीटर की यात्रा की है और राष्ट्रीय राजमार्ग की अवस्था तो बहुत अच्छी है, कहीं-कहीं राज्य सड़क भी अच्छी है, लेकिन इस यात्रा के दौरान 100 किलोमीटर से ज्यादा का सफर कमर तोड़ देने वाली सड़क थी और इसमें मरम्मत की गुंजाइश है. राज्यपाल ने आगे कहा कि मेरे लिए एक ही संविधान है और मैं उसी संविधान के अनुसार कार्य कर रहा हूं.”

ममता बनर्जी का धनखड़ पर आरोप
एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर इशारों ही इशारों में भाजपा के मुखपत्र के तौर पर काम करने का आरोप लगाया था. इस मुद्दे को लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा तो राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य और सड़कों की बात करने से कोई किसी का मुखपत्र नहीं हो जाता है. जब ममता बनर्जी ने बुलबुल तूफान के बाद सराहनीय काम किया था तो मैंने उनकी तारीफ की थी, और यह खबर सभी मीडिया में सुर्खियों भी बनी थी. उस समय किसी ने मुझे उनका मुखपत्र नहीं कहा था तो अब ऐसी बातें क्यों कहीं जा रही हैं.

बनर्जी अपने मंत्रियों पर नियंत्रण रखें
राज्यपाल ने कहा, ”मैं संविधान के अनुसार ही काम कर रहा हूं और ममता बनर्जी के किसी सार्वजनिक सभा में दिए गए भाषण पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. उन्होंने कहा कि हां मैं यह चाहूंगा कि ममता बनर्जी अपने मंत्रियों पर नियंत्रण रखें. साथ ही उन्होंने कहा कि आज तक राज्य सरकार के किसी भी मंत्री ने मेरे 100 दिनों के कार्यकाल के दौरान एक भी पत्र लिखकर मुझे यह नहीं बताया कि मैंने कौन-सा गलत काम किया है. अगर वे ऐसा करते हैं तो मैं उस पर अवश्य चिंतन करूंगा और उसका जवाब भी दूंगा.”

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