May 7, 2024

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सेबी के फैसले के खिलाफ किशोर बियानी ने SAT का दरवाजा खटखटाया

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कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के प्रमोटर रहे किशोर बियानी को सिक्योरिटीज बाजार से एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा उनके भाई अनिल बियानी और फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज लिमिटेड (FCRL) पर भी बैन लगाया गया है. अब सेबी के इस फैसले के खिलाफ किशोर बियानी, उनके भाई और FCRL ने सिक्युरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) का दरवाजा खटखटाया है.

दरअसल, SEBI ने बियानी भाइयों और FCRL पर यह बैन इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों के बाद लगाया. सेबी की ओर से इसकी जानकारी 3 फरवरी को दी गई. बियानी भाइयों और FCRL पर 2017 में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के शेयर्स में कथित तौर पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप है.

सेबी ने बियानी बंधु और FCRL पर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के शेयर खरीदने, बेचने या प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी प्रकार का सौदा करने पर 2 साल के लिए बैन लगाया है. यानी वह एक साल तक अब शेयर बाजार में कारोबार नहीं कर पाएंगे. सेबी ने किशोर बियानी, अनिल बियानी और फ्यूचर कॉरपोरेट रिसोर्सेज पर एक करोड़ रुपये प्रत्येक का जुर्माना भी लगाया है. तीनों से कहा गया है कि वे गलत तरीके से कमाए 17.78 करोड़ रुपये वापस करें.

इनसाइडर ट्रेडिंग को भेदिया कारोबार भी कहते हैं. निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने भेदिया कारोबार पर रोक लगाई है. जब किसी कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई आदमी उसकी अंदरूनी जानकारी होने के आधार पर उसके शेयर खरीद या बेचकर गलत ढंग से मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार कहा जाता है. इसके तहत सार्वजनिक न होने वाले न होने वाले मूल्य संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) का दुरुपयोग करके शेयर बाजार में अवैध कमाई करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है.

असल में कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन को यह जानकारी रहती है कि आगे कंपनी ऐसे क्या कदम उठाने जा रही है कि उसके शेयरों में भारी बढ़त या भारी गिरावट आ सकती है. अगर इस जानकारी के आधार पर ऐसे किसी व्यक्ति ने जानकारी पब्लिक होने से पहले ही शेयरों की खरीद-फरोख्त कर मुनाफा बना लिया तो यह इनसाइडर ट्रेडिंग कहलाएगा.

सेबी इस मामले में बहुत सख्त है और उसकी पैनी नजर कंपनियों के प्रबंधन पर रहती है. इसलिए कंपनियां अपने कर्मचारियों से एक बॉन्ड भी भरवाती हैं कि वे कंपनी की किसी संवदेनशील जानकारी को बाहर शेयर नहीं करेंगे और इसके आधार पर शेयर मार्केट में कोई खरीद-फरोख्त नहीं करेंगे.

शेयर बाजार में नब्बे के दशक में हुए बड़े घोटाले के लिए चर्चित हर्षद मेहता पर भी भेदिया कारोबार का आरोप लगा था. सेबी कानून 1992 के तहत इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार क्राइम है. सेबी ने भेदिया कारोबार के बारे में सूचना देने वाले व्हिसल ब्लोअर्स व अन्य मुखबिरों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था भी की है.

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