पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दिया ये बड़ा बयान कहा। …
1 min readऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. खास बात ये है कि ओवैसी ने सूबे में चुनाव लड़ने का फैसला चौथे चरण के नामांकन की अंतिम तारीख को किया है.
इससे पहले खबर थी कि इंडियन सेक्युलर पार्टी (आईएसएफ) के बंगाल में चुनाव लड़ने की वजह से ओवैसी की पार्टी चुनावी मैदान में नहीं होगी. अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ लेफ्ट और कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है AIMIM पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ेगी. जहां तक इसका सवाल है कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, मैं इस पर 27 मार्च को सागरदिघी में एक जनसभा में बोलूंगा
बता दें कि बीते कुछ महीनों में ओवैसी ने कई बार बंगाल का दौरा किया. ओवैसी के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद अब कहा जाने लगा है कि एआईएमआईएम, टीएमसी की वोट में सेंध लगा सकती है.
दरअसल बंगाल में मुस्लिम वोटर्स की संख्या लगभग 30 फीसदी है और ऐसे में इनकी भूमिका अहम हो जाती है. बिहार में पांच सीटों पर एआईएमआईएम ने जीत दर्ज की थी.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम संगठन में बड़ी भूमिका निभाने वाले ज़मीरुल हसन अब ओवैसी को छोड़कर खुद बंगाल में इंडियन नेशनल लीग का नया चैप्टर शुरू करने जा रहे हैं. इंडियन नेशनल लीग वही पार्टी है जो साल 1994 तक मुस्लिम लीग के साथ थी. ऐसे में ओवैसी की ओर से चुनाव लड़ने का एलान करना वाकई दिलचस्प बात है.
देश की अनेक सेकुलर पार्टियों और मुसलमानों के अलग-अलग समूहों की तरफ से ये आरोप लगाए जाते रहे हैं कि ओवैसी बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव मैदान में जाते हैं. अब इन सवालों के और ज्यादा उठाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं
AIMIM will contest in the #WestBengalElections2021. As far as the number of seats on which the party will contest is concerned, I will speak on that at a public meeting in Sagardighi on 27th March: AIMIM chief Asaduddin Owaisi
(File photo) pic.twitter.com/JJqpSo1sds
— ANI (@ANI) March 23, 2021
कि क्योंकि ओवैसी ने ऐसे वक्त में चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जब सूबे में चार चरणों का नामांकन अपनी समाप्ती की ओर है और बाकी चार चरणों में मुस्लिम वोटरों की संख्या खासी बताई जाती है.
ओवैसी पर आरोप है कि उनके चुनावी मैदान में होने से वोटों को ध्रुवीकरण बढ़ता है और जिसके नतीजे में बीजेपी को फायदा होता है. यूपी से बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज भी इस तरह का बयान दे चुके हैं.
पहले चरण में पश्चिम बंगाल की 294 में से 30 सीटों पर 27 मार्च को वोट डाले जाएंगे. वहीं, दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को
पांचवे चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. नतीजों की घोषणा दो मई को होगी.