December 19, 2024

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अपनी लाइफ स्‍टाइल में करे ये कुछ बदलाव नहीं होगा पीठ और कंधे के दर्द

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भागदौड़ भरी जिंदगी में पीठ और कंधे के दर्द को आमतौर पर लोग अधिक गंभीरता से नहीं लेते. लेकिन डॉक्टरों की मानें तो शुरुआती दौर में इस दर्द को नजरअंदाज करना उम्र बढ़ने के साथ बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है.

डॉक्टर इसके लिये कम्प्यूटर पर एक अवस्था में घंटों बैठकर काम करने की प्रवृत्ति और खराब लाइफ स्‍टाइल को जिम्मेदार मानते हैं. मेडिकल न्‍यूज टुडे के मुताबिक, खराब पॉश्‍चर में बैठने और सोने की वजह से भी पीठ और कंधे में दर्द की समस्‍या बढ़ जाती है सक्रीय लाइफ स्‍टाइल का अभाव और ऑफिस में घंटों बैठकर काम करने की वजह से युवाओं में यह समस्‍या इन दिनों तेजी से बढ़ी है.

अगर पीठ के निचले हिस्से में दर्द है तो इसे लम्बर या कोक्सीडीनिया (टेलबोन या सेक्रल दर्द) कहा जाता है. यह बैकबोन और आसपास के क्षेत्रों जैसे नितंब, ऊपरी जांघ और कमर क्षेत्रों को प्रभावित करता है. यहां का दर्द लोगों को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है.
पीठ के बीच में दर्द

पीठ के ऊपरी हिस्‍से में दर्द यानी सर्वाइकल क्षेत्र. यह गर्दन और कंधे के हिस्‍से का दर्द है जो स्लाउचिंग, सोने और बैठते समय गलत पोश्‍चर की वजह से होता है. इसे इग्‍नोर करना आगे चलकर घातक हो सकता है.

अगर आपके पीठ और कंधे में लगातार दर्द रहता है तो आप अपनी लाइफ स्‍टाइल में स्‍ट्रेचिंग और एक्‍सरसाइज को जरूर शामिल करें. दर्द रहने पर आप कोब्रा पोज, काओ पोज, चाइल्‍ड पोज जैसी स्‍ट्रेचिंग कर सकते हैं. इसके अलावा, वॉकिंग, जॉगिंग, पीटी एक्‍सरसाइज को अपनी लाईफ में जरूर शामिल करें. ये आपके मसल्‍स की स्टिफनेस को दूर करेंगे और कुछ ही दिनों में आप आराम महसूस करेंगे.

पेन रिलीफ क्रीम में मेन्‍थॉल तत्‍व होते हैं जो दर्द वाली जगह पर कूलिंग इफेक्‍ट देता है. यही नहीं, इसमें कैप्‍सेसिन कॉम्‍पोनेंट दर्द में तुरंत आराम पहुंचाने में मदद करता है.

कई बार गलत फुटवेयर पहनने की वजह से गर्दन, पीठ और कंधे में दर्द की शिकायत होती है. ऐसे में उन जूतों का प्रयोग करें तो पहनने में कंफर्टेबल हो और आपके पोश्‍चर को सही रखता हो. हाई हील और बिलकुल फ्लैट दोनों तरह के जूते ही आपकी पीठ को प्रभावित कर सकते हैं. आपके पैरों के लिए सही जूता कैसा हो इसके लिए आप डॉक्‍टर की सलाह ले सकते हैं.

अगर आप होम ऑफिस कर रहे हैं और लगातार बेड पर बैठकर, झुककर या लेट कर काम कर रहे हैं तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है. गलत पोश्‍चर में घंटों काम करने की वजह से आप कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं. जब भी लैपटॉप पर काम करें तो सही ऊंचाई वाले टेबल चेयर पर सीधा बैठकर ही काम करें और बीच बीच में उठकर चलते फिरते रहें.

अपने भोजन में विटामिन डी और कैल्शियम को जरूर शामिल करें. दूध, दही, अंडे आदि के सेवन से आपके बोन तो मजबूत रहेंगे ही, किसी तरह की अंदरूनी समस्‍या होने पर ये उन्‍हें हील भी करते रहेंगे. आप डॉक्‍टर की राय पर विटामिन डी और कैल्शियम के सेप्‍लीमेंट्स भी ले सकते हैं.

दर्द से निजात पाने के लिए आप दर्द वाली जगह पर हीटिंग पैड और कोल्‍ड पैड से सेक लगा सकते हैं. इससे आपपास के मसल्‍स की स्टिफनेस घटेगी और बोन रिलैक्‍स होंगे. आप पहले से बेहतर महसूस करेंगे.

मेडिकल न्‍यूज टूडे के मुताबिक, अगर लंबे समय से आप स्‍ट्रेस में हैं तो यह आपके मसल्‍स को भी प्रभावित करती हैं. स्‍ट्रेस के कारण आपकी पीठ और कंधे एरिया में दर्द हो सकता है. स्‍ट्रेस दूर करने के लिए आप स्‍ट्रेस रिलीफ टेकनीक का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए आप अपने जीवन शैली में योगा, ध्‍यान आदि को शामिल करें.

एक स्‍टडी के मुताबिक, नींद का अभाव भी कई बार गंभीर मसल्‍स पेन का कारण बन जाता है. इसके लिए सोने से पहले यह जरूर ध्‍यान दें कि आपका बिस्‍तर आरामदायक हो और तकिया अधिक ऊंचा ना हो. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 7 से 9 घंटे की नींद लेना जरूरी है क्‍योंकि नींद के अभाव में हमारे मसल्‍स भी रिलैक्‍स नहीं हो पाते और ये दर्द असहनीय होते चले जाते हैं.

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