उत्तर प्रदेश सरकार ने की गाइडलाइन तय नहीं मिलेगी 21 साल से कम व्यक्ति को शराब
1 min readउत्तर प्रदेश में अब 21 साल से कम आयु के व्यक्ति को अब शराब नहीं बेची जा सकेगी. इसके लिए सरकार ने एक गाइडलाइन तय कर दी है. राज्य में अब शराब व बीयर की फुटकर बिक्री सीमा तय कर दी गई है.
निर्धारित मात्रा से अधिक शराब व बीयर फुटकर लाइसेंसी दुकानों से नहीं मिलेगी. आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि तय की गयी
सीमा से अधिक अब न तो किसी को शराब बीयर की फुटकर बिक्री की जा सकेगी. न ही इस सीमा से अधिक कोई व्यक्ति शराब रख सकेगा. तय सीमा तक भी बिक्री 21 साल से कम आयु के व्यक्ति को नहीं की जा सकेगी.
उन्होंने बताया कि इस बारे में इस साल 5 मार्च को जारी की गई अधिसूचना का उल्लंखन पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम-1910 की धारा-60 के तहत कार्रवाई की जाएगी
जिसमें तीन साल तक का कारावास और निर्धारित मात्रा से अधिक खरीदी गई शराब में शामिल एक्साइज ड्यूटी के 10 गुना तक या फिर 2000 रुपया जो अधिक हो के अर्थदंड का प्रावधान है. इसके अलावा आईपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि पहली अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष 2021-22 में व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा के क्रय, परिवहन और निजी कब्जे में रखने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. इस लाइसेंस के लिए विभिन्न प्रकार की मदिरा की मात्रा और इसकी शर्तें आबकारी नीति वर्ष 2021-22 में दी गई हैं.
भूसरेड्डी ने बताया कि इस लाइसेंस के लिए 12000 रुपये वार्षिक की लाइसेंस फीस वसूली जाएगी. 51000 रुपये की जमानत राशि भी ली जाएगी. इस लाइसेंस को वैयक्तिक होम लाइसेंस कहा जाएगा.
वैयक्तिक होम लाइसेंस परिसर में परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, परिवार के अतिथि और मित्र जो 21 साल से कम के न हों, द्वारा वैयक्तिक होम लाइसेंसी को किसी प्रकार का कैश या काइन्ड अथवा दोनों में, भुगतान किए बगैर लाइसेंसी की सहमति से मदिरा पान कर सकेंगे.
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को अपने एक मूल निवास के लिए ही केवल एक वैयक्तिक होम लाइसेंस अनुमन्य होगा. वैयक्तिक होम लाइसेंस किसी भी व्यक्ति को अपने फार्म हाउस या गेस्ट हाउस के लिए अनुमन्य नहीं होगा.
वैयक्तिक होम लाइसेंस के लिए ऐसे आवेदक पात्र होंगे, जो विगत पांच सालों से आयकर दाता हों. आवेदन पत्र के साथ विगत पांच वर्षों के आयकर रिटर्न की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा.