आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर साधा निशाना
1 min readकेंद्र सरकार ने आज अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी बचत पर ब्याज दर कम करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी.
हालांकि अपने फैसले को बदलने को लेकर वह विपक्ष के निशाने पर आ गईं. सीतारण ने कहा कि ये फैसला गलती से लिया गया था. जिसके बाद आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीतारमण पर निशाना साधा.
सीतारमण ने ट्वीट करके कहा भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरें उन दरों पर बनी रहेंगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में मौजूद थीं. ओवरसाइट की वजह से जारी आदेश वापस ले लिए जाएंगे
पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 1, 2021
जुमलों की झूठ की
ये सरकार जनता से लूट की!#Oversight
इससे पहले एक फैसले में वित्त मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत दर में 3.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी. जनवरी-मार्च के दौरान छोटी बचत दर सालाना 4 प्रतिशत थी.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी. जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की
प्रियंका गांधी ने लिखा सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी. आज सुबह जब सरकारी जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है. सुबह उठते ही सारा दोष ओवरसाइट पर मढ़ दिया
Really @nsitharaman “oversight” in issuing the order to decrease interest rates on GOI schemes or election driven “hindsight” in withdrawing it? https://t.co/Duimt8daZu
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 1, 2021
दरअसल सरकार ने यह आदेश ऐसे समय वापस लिया है. जब पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे दौर की वोटिंग हो रही है.
आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा था कि 1 साल की समय जमा दरों को 5.5 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत कर दिया गया है और 2-वर्ष, 3-वर्ष, 5-वर्ष की जमा दर में तिमाही आधार पर क्रमश: 5.0 प्रतिशत, 5.1 प्रतिशत और 5.8 प्रतिशत की कटौती की गई है. 5 साल की आवर्ती जमा को पिछले 5.8 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत तक घटा दिया गया था.
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई ), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दरों में वार्षिक आधार पर क्रमश: 6.4 प्रतिशत, 6.9 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत की कटौती की गई थी. किसान विकास पत्र पर ब्याज दर को घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया था.