April 18, 2024

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बढ़ते प्रदूषण को लेकर राज्यसभा में चर्चा,

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 दिल्ली और एनसीआर (Delhi-NCR) में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को लेकर गुरुवार को संसद में चर्चा होनी है. संसद के उच्च सदन राज्यसभा में होने वाली यह चर्चा दोपहर 2 बजे शुरू होगी. इसके बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) शाम 4 बजे सदन में एनसीआर प्रदूषण पर सरकार की तरफ से जवाब देंगे.

बता दें कि राजधानी दिल्ली और एनसीआर (Delhi-NCR) में प्रदूषण का स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा हैदिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा लगातार जहरीली हो रही है. दिल्ली के हालात और बिगड़ गए हैं. कुछ इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया है. गुरुवार (21 नवंबर) सुबह दिल्ली में प्रदूषण स्तर 312 दर्ज किया गया वहीं नोएडा में AQI 361 तक पहुंच गया है जबकि गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर है.

दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम-10 के लेवल में भी कोई सुधार नहीं देखने को नहीं मिल रहा है. दिल्ली के लोधी रोड में पीएम 2.5 का लेवल 312 रहा जो कि बहुत खराब की श्रेणी में आता है. दिल्ली से सटे नोएडा की बात करें तो यहां पर वायु की गुणवत्ता का स्तर 361 दर्ज किया गया यह बहुत खराब की श्रेणी में सबसे निचले स्तर पर आता है. हरियाणा के गुरुग्राम की हालत बुधवार के मुकाबले है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 174 रहा.

वहीं देश के अन्य शहरों की बात करें तो हवा की गुणवत्ता के लिहाज से अहमदाबाद की स्थिति काफी बेहतर है. यहां गुरुवार को वायु की गुणवत्ता 141 रही जबकि महाराष्ट्र के IT हब पुणे में वायु की गुणवत्ता का स्तर 162 रहा. बात करें मुंबई की तो यहां वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार देखने को मिल रहा है यहा गुणवत्ता का स्तर 199 रहा.

राष्ट्रपति ने जताई चिंता
दिल्ली में पलूशन को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने मंगलवार को कहा कि ऐसे हालात में भविष्य की चिंता होती है और अस्तित्व खतरे में लगता है. राष्ट्रपति भावन में देश के आईआईटी, एनआईटी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंजिनियरिंग साइंस ऐंड टेक्नॉलजी के निदेशकों से बातचीत में यह बात कही. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आप लोग अपनी विशेषज्ञता से एयर पलूशन की समस्या का समाधान ढूंढ लेंगे और साथ ही छात्रों तथा शोधकर्ताओं में संवेदनशीलता जगाएंगे.

कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में सालाना ‘विजिटर्स कॉन्फ्रेंस’ में कहा, ‘यह साल का ऐसा वक्त है जब देश की राजधानी और कई अन्य शहरों की वायु गुणवत्ता मानकों से परे काफी खराब हो गई है. कई वैज्ञानिकों ने भविष्य की दुखद तस्वीर पेश की है. शहरों में धुंध और खराब दृश्यता के दिनों में हमें डर रहता है कि क्या भविष्य ऐसा ही है.’

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