कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने तैयारियां की शुरू दिए ये निर्देश। …
1 min readउत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. इस तीसरी लहर में बच्चों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए योगी सरकार डाक्टरों की स्पेशल ट्रेनिंग करवाने जा रही है. गोरखपुर में जापानी इंसेफ़्लाइटिस से निजात दिलाने वाले विशेषज्ञ ये ट्रेनिंग देंगे.
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर के प्रति बच्चों को अधिक संवेदनशील बता रहे हैं. इन आशंकाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में बच्चों को ऐसी किसी संभावित लहर से बचाने के लिए पहले से ही युद्ध स्तर पर तैयारियां जारी हैं.
दरअसल इसमें योगी आदित्यनाथ ने 1998 से लेकर मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने के पहले तक पूर्वांचल के मासूमों के लिए काल बनी इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया.
फिर सीएम बनने के बाद पीएचसी और सीएचसी तक इंसेफेलाइटिस को केंद्र में रखकर स्वास्थ्य सुविधाओं की बुनियादी संरचना को मजबूत किया. तीन दर्जन से अधिक संवेदनशील जिलों में रोकथाम को लेकर सफाई और स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया. उससे इंसेफेलाइटिस तकरीबन खत्म होने के कगार पर है.
माना जा रहा है कि इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के ये अनुभव कोराना से बच्चों को बचाने में मददगार बनेंगे. खासकर ग्रासरूट पर इंसीफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए जो पीकू (पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट) तैयार किए गए थे. जरूरत पर उसका उपयोग कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को महफूज रखने में किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 100-100 बेड का आईसीयू तैयार रखने का निर्देश दिया है. इसी क्रम में अभी पिछले दिनों मुख्यमंत्री हर मंडल मुख्यालय पर 100-100 बेड का
जिला अस्पतालों में 25-25 बिस्तरों की क्षमता का बच्चों के लिए आईसीयू बनाने का निर्देश दे चुके हैं. साथ ही इसके लिए तय समय में जरूरी और दक्ष मानव संसाधन का बंदोबस्त करने का भी निर्देश दिय गया है.
इंसेफेलाइटिस से मासूमों को बचाने के करीब चार दशक लंबे अनुभव के मद्देनजर बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिर्विसिटी के डॉक्टर इसके लिए बाकी चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देंगे.