May 8, 2024

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प्रदेश में प्रत्येक वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव का आयोजन

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उत्तर प्रदेश में प्रत्येक वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष 07 जुलाई, 2021 तक लगभग 27.92 करोड़ पौधों का रोपण किया जा चुका है। शेष पौधों को वर्षा की उपलब्धता के अनुसार रोपित कर वर्ष 2021 में 30 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा। 07 जुलाई, 2021 तक वन विभाग द्वारा गंगा जी व उसकी सहायक नदियों के किनारे 1.30 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए गए। सड़क किनारे विषेषकर एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग आदि के किनारे रोपण को प्राथमिकता दी गयी। अन्य 26 विभागों द्वारा अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 17.87 करोड़ पौध डी0एस0टी0  (Direct Seedling Transfer) प्रक्रिया के माध्यम से वन विभाग की पौधषालाओं से प्राप्त कर वृक्षारोपण में उपयोग किया गया।
राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी ने हरिषंकरी पौध रोपित कर जनपद झांसी में दिनांक 04 जुलाई, 2021 को पहुज नदी पर स्थित सिमरधा बांध पर स्मृति वाटिका में एक ही दिन में 25 करोड़ पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम में कुल 5,000 पौधे लगाए गए तथा ग्रामवासियों को 10,000 सहजन के पौधे वितरित किए गए। राज्यपाल ने वृक्षारोपण जन-आन्दोलन 2021 की सफलतापूर्वक सम्पादन हेतु आषीर्वचन दिया तथा हरीतिमा सम्वर्धन के लिए जनसामान्य को ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करने हेतु प्रेरित किया। 
इसी प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद सुल्तानपुर में पौधरोपण कर वृक्षारोपण की शुरुआत की। प्रदेष में सड़क किनारे विषेषकर एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग व सर्विस लेन के बीच हरित पट्टी विकसित किए जाने की श्रृंखला में मुख्यमंत्री जी ने ग्रीन फील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सुल्तानपुर में हरिषंकरी का पौधा रोपित किया। उन्होंने इस अवसर पर पंचवटी, नक्षत्र वाटिका एवं नवग्रह वाटिका में एक-एक पौधा रोपित किया। 
मुख्यमंत्री जी ने जनपद सुल्तानपुर के बड़ाडाड़ विकास खण्ड तहसील बल्दीराय में देव स्थान के पास स्थित विरासत वृक्ष ‘बरगद‘ की पूजा-पाठ कर परिक्रमा की तथा अमरूद, महुआ, हरसिंगार आदि के पौधे वितरित किए। यूपीडा द्वारा वन विभाग से 30,000 पौधे क्रय कर निकटवर्ती ग्रामवासियों को वितरित किए गए। इस वृहद स्तरीय वृक्षारोपण से ग्रामवासियों को फल, चारा, इमारती लकड़ी व औषधियां मिलेंगी।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री दारा सिंह चौहान की उपस्थिति में अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार सुश्री हेकाली झिमोमी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष श्री सुनील पाण्डेय तथा स्थानीय जनप्रतिनिधिगण सहित विषिष्टजनों द्वारा भी पौध रोपण किया गया। 
प्रदेश की ग्राम सभाओं में स्मृति वाटिका की स्थापना कर कोविड महामारी अथवा अन्य कारणों से बिछडे़ प्रियजन की याद में पौधरोपण किया गया। प्रदेश में कुल 18,878 स्मृति वाटिकाओं की स्थापना की गयी। ग्रामवासियों की आय में वृद्धि हेतु ग्राम पंचायत की भूमि पर इमारती एवं फलदार पौधों का रोपण किया गया। खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए मिड-डे मील में उपयोग करने हेतु प्रदेश के विद्यालयों में सहजन के पौधों का रोपण किया गया।
प्रत्येक जनपद में जनप्रतिनिधियों एवं विशिष्टजनों की उपस्थिति में 375 वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। कोविड महामारी से बचाव हेतु ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी‘ मूल मंत्र एवं कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया गया। प्रिण्ट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया यथा-फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप आदि के माध्यम से अभियान का वृहद प्रचार-प्रसार किया गया। 
वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2021 के विषय में जनसाधारण को जागरूक करने तथा कार्यक्रम के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हेतु बल्क में वॉयस तथा टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से मुख्यमंत्री जी, वन मंत्री व अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के संदेश प्रत्येक दिन दो बार विगत 07 दिनों में समस्त ग्राम प्रधानों को भेजे गए।
पर्यावरणीय लाभ एवं कृषकों की आय में सतत् वृद्धि के दृष्टिगत वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2021 हेतु प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों, मा0 न्यायालय परिसरों/कृषकों/संस्थाओं/व्यक्तियों/निजी एवं शासकीय शिक्षण संस्थाओं/भारत सरकार के विभाग एवं उपक्रम स्थानीय निकायों यथा ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका परिषद प्राधिकरण आदि/रेलवे/रक्षा/औद्योगिक इकाइयों/सहकारी समितियों एवं अन्य को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की पौधशालाओं से निःशुल्क पौध उपलब्ध कराए गए।
औषधीय पौधों, फलों एवं सहजन जैसे वृक्षों के उत्पाद रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि एवं पोषक तत्वों की पूर्ति कर हमें कोविड महामारी जैसे रोगों से लड़ने में सक्षम बनाते हैं। वनस्पति व वन्य प्राणि विविधता कोविड महामारी व अन्य खतरनाक वायरस व हानिकारक बैक्टीरिया के जैविक नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। इस उद्देष्य की पूर्ति हेतु प्रदेशवासियों विशेषकर महिलाओं व बच्चों में कुपोषण की समस्या के दृष्टिगत वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2021 के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में सहजन के साथ-साथ औषधीय एवं फलदार प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया।
पौधशालाओं एवं वृक्षारोपण में पौधों को पोषक तत्व देने के लिए 27,775 कुण्टल जीवामृत का उपयोग पौधशालाओं में किया गया। साथ ही, पौधशालाओं में तथा वृक्षारोपण में जैविक कीटनाशक का उपयोग किया गया है। पौधों के स्वास्थ्य व उच्च वृद्धि दर हेतु उन्हे समुचित पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए वन विभाग की पौधशालाओं व पौधरोपण क्षेत्रों में 12,321 कुण्टल कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया गया।
प्रदेश में पौराणिक/ऐतिहासिक महत्व की वृक्षों तथा अतिविशिष्ट व्यक्तियों, परम्पराओं व मान्यताओं से जुडे़ विरासत वृक्षों के चयन की कार्यवाही की गयी। वन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में 28 प्रजातियों के 947 विरासत वृक्षों का चिन्हीकरण करते हुए संरक्षण किया जा रहा है। 
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में अयोध्या से चित्रकूट तक राम वन गमन मार्ग में मिलने वाली 30 वृक्ष प्रजातियों का उल्लेख है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद अयोध्या, प्रयागराज तथा चित्रकूट में राम वन गमन मार्ग के किनारे रामायण काल की प्रजातियों के पौधों का रोपण कराया गया।
प्रदेश में पर्यावरण संतुलन को बचाने के लिए एक अभिनव प्रयास किया जा रहा है, जिसमें मशीन के माध्यम से वृक्ष को जड़ सहित उखाड़ कर दूसरे स्थान पर रोपित कर दिया जाता है। ऐसा ही, एक अभिनव प्रयास 06 जुलाई, 2021 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा किया गया। जब पीपल के 20 वर्ष से अधिक आयु के 01 वृक्ष को मोहनलालगंज, गोसाईगंज मार्ग में ग्राम बेली के समीप पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे 02 कि0मी0 की दूरी पर पुनर्स्थापित किया गया।
वृक्ष वायुमण्डल से हानिकारक गैसों को हटाकर ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित कर, ग्रीन हाउस के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ वायु की गुणवत्ता में सुधार करते हैं। वृक्ष की पत्तियां धूल के कणों के अच्छे संग्रहक के रूप में जानी जाती हैं। पर्यावरण शुद्ध करने, धूल व तापमान नियंत्रण व ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में सहायक वृक्ष प्रजातियों पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, नीम, आम, जामुन, महुआ, इमली, अमलतास, अशोक, सहजन का वृक्षारोपण वृहद पैमाने पर किया गया। 
एक वृक्ष प्रतिवर्ष औसतन 260 पाउण्ड अथवा 82,420 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। एक व्यक्ति को प्रतिदिन 550 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता रहती है। वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2021 में प्रदेश में 30 करोड़ पौधरोपण से भविष्य में स्थापित होने वाले वृक्ष लगभग 12.50 करोड़ नागरिकों की ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करेंगे। इसका वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया। 
वृक्ष कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित कर पर्यावरण शुद्ध करते हैं। वनावरण एवं वृक्षावरण कार्बन सिंक का कार्य करते हैं। एक परिपक्व वृक्ष 50 पाउण्ड प्रतिवर्ष कार्बन डाई ऑक्साइड अर्थात 13 पाउण्ड कार्बन अवशोषित करता है। वर्षाकाल 2021 में उत्तर प्रदेश में 30 करोड़ पौधरोपण से स्थापित होने वाले वृक्षों द्वारा लगभग 8.83 लाख मीट्रिक टन कार्बन का अवशोषण होगा।

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