तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की पहली प्रक्रिया हुई पूरी
1 min readतीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की पहली प्रक्रिया आज पूरी हो गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में कृषि कानूनों की वापसी का प्रस्ताव रखा गया था।
अब इसे मंजूरी मिलने के बाद संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा और दोनों सदनों से मंजूरी ली जाएगी। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने इन कानूनों के खिलाफ लंबे समय से जारी किसान आंदोलनों का हवाला देकर कहा कि संसद के इसी सत्र में कानूनों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। आज कैबिनेट की मुहर लगने के बाद इसकी शुरुआत भी हो गई।
किसानों से बिना चर्चा किए 3 कृषि क़ानून वापस लिए गए लेकिन ये बिल दोबारा लाए जाएंगे तो किसान दोबारा से नाखुश होंगे। सरकार अगर बिल वापस करती है या नए तरीके से बिलों को वापस लाती है तो किसानों से वार्ता के बाद ही कोई निर्णय लें: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी pic.twitter.com/eMgtgoOxD5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2021
एक दिन पहले मंगलवार को लोकसभा की तरफ से जारी बुलेटिन में भी कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव वाला विधेयक का जिक्र है। बुलेटिन में शीत सत्र के दौरान संसद में पेश होने वाले विधेयकों की सूची में 25वें नंबर पर कृषि कानूनों की वापसी विधेयक, 2021 को रखा गया है।
किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद भी आंदोलन वापस नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री के वादे पर भरोसा नहीं है और वापसी के प्रस्ताव को संसद से मंजूरी मिलने के बाद ही उन्हें विश्वास होगा। ऐसे में मोदी सरकार ने विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से कानूनों के खात्मे की तरफ एक और कदम बढ़ा दिया है।