महाराष्ट्र बड़ी खबर :- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे, अजित पवार आगे की रणनीति पर चर्चा की
1 min readसंवैधानिक मामलों के जानकार व सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, फ्लोर टेस्ट के दौरान यदि अजित पवार और जयंत पाटिल (नए विधायक दल नेता) दोनों ने व्हिप जारी कर दिया तो बहुमत की संख्या में विवाद के साथ दलबदल का मामला भी बनेगा. उस स्थिति में स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. बहुमत, स्पीकर का चुनाव और दलबदल जैसे मामलों पर विवाद की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट में अगले राउंड में फिर से मामला आ सकता है.
मसलन, शरद पवार ने उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटाया है मगर पार्टी से नहीं हटाया है. दूसरी तरफ तीन दलों द्वारा जिस महाविकास अघाडी गठबंधन की सरकार बनाने की बात की जा रही है, उसके नेता के बारे में औपचारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट को नहीं बताया गया है.
एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं. अगर स्पीकर ने अजित पवार का व्हिप माना तो फिर उनके फैसले के खिलाफ जाने वाले 53 अन्य विधायकों के वोट निरस्त हो जाएंगे. जिससे बहुमत के लिए आंकड़ा 118 रह जाएगा. इतने विधायकों का बंदोबस्त फिलहाल भाजपा के पास है.
भाजपा के पास अपने 105 और 13 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है. देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में पिछले दिनों हुई बैठक में 118 विधायक मौजूद रहे हैं. भाजपा के नेताओं का मानना है कि शपथ से पहले अजित पवार ने विधायक दल के नेता की हैसियत से समर्थन पत्र दिया था, इस नाते कानूनी पेच नहीं फंसता.