आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत जाने क्या है पौराणिक कथा
1 min readमार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ आज 18 दिसंबर शनिवार से हो रहा है. इस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और कथा सुना जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत का श्रवण करने से व्यक्ति के सारे कष्ट मिट जाते हैं
और पाप भी नष्ट हो जाते हैं. जो लोग मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रहेंगे, उनको भगवान विष्णु की पूजा के समय सत्यनारायण भगवान की कथा सुननी चाहिए. आइए जानते हैं सत्यनारायण भगवान की कथा के बारे में.
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार नारद जी भगवान विष्णु के पास बहुत ही दुखी होकर पहुंचे. उनसे दुखी मनुष्यों के कष्टों को देखा नहीं जा रहा था. तब उन्होंने प्रभु से कहा कि आप कोई ऐसा आसान उपाय बताएं, जिससे कि लोगों का कल्याण हो.
यह सुनकर भगवान श्रीहरि ने कहा कि जो भी व्यक्ति सांसारिक सुख और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करना चाहता है, उसे श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा करनी चाहिए और व्रत करना चाहिए. भगवान विष्णु ने फिर सत्यनारायण व्रत के बारे में विस्तार से बताया, जिसका उल्लेख स्कंद पुराण में मिलता है.
इसके बाद जितने लोगों ने श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा की और व्रत रखा, उन सबकी कथा सत्यनारायण व्रत कथा में जुड़ता चला गया है. सत्यनारायण कथा का प्रारंभ भगवान विष्णु और नारद जी के वार्तालाप से होते हुए
श्रीहरि के सत्यनारायण व्रत एवं पूजन की विधि के वर्णन के साथ राजा उल्कामुख, गरीब लकड़हारा, निर्धन ब्राह्मण, साधु वैश्य, लीलावती, कलावती, धनवान व्यवसायी, राजा तुङ्गध्वज एवं गोपगणों की कथा तक है.
नारद जी के निवेदन करने पर भगवान विष्णु ने बताया कि जो भी अपने कष्टों और पापों से मुक्ति चाहता है, उसे श्रीसत्यनारायण व्रत करना चाहिए और इस व्रत की कथा का श्रवण करना चाहिए. इसके पुण्य से सुख, समृद्धि, धन, वैभव, खुशहाली, संतान सबकुछ प्राप्त होता है.
श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का श्रवण कोई भी कर सकता है, इसके लिए किसी प्रकार का कोई बंधन या पाबंदी नहीं है, यह सबके लिए समान फल देने वाला है.मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर आप चाहें तो श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा का आयोजन कर सकते हैं और इसके लाभ को प्राप्त कर सकते हैं.