झारखंड सीएम हेमंत को माइनिंग लीज देने में पूजा सिंघल की, पुलिस से साझा नहीं कर सकते
1 min readईडी के सहायक निदेशक विनोद कुमार की ओर से हाइकोर्ट में 19 मई को शपथ पत्र दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि खूंटी और अड़की थाने में दर्ज 16 प्राथमिकी की जांच इडी कर रही है. इस सिलसिले में निदेशालय ने एक मामला (इसीआइआर/पैट/14/2012) दर्ज किया है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामले की जांच के दौरान खान सचिव पूजा सिंघल का सीरियस इंप्लीकेशन पाया गया है. यह मामला प्रतिवादी संख्या-7 (हेमंत सोरेन) के नाम लीज आवंटन से संबंधित है. लीज आवंटन का यह मामला पीआइएल संख्या 727/2022 से भी संबंधित है.
कुछ शेल कंपनियों की भूमिका संदेहास्पद :
शपथ पत्र में कहा गया है कि रिट याचिका संख्या 4290/2021 में वर्णित शेल कंपनियों में से कुछ की भूमिका संदेहास्पद है. ये कंपनियां झारखंड के दायरे से बाहर फैली हुई हैं. इडी को सभी याचिकाओं में प्रतिवादी बनाया गया है. हाइकोर्ट ने भी निदेशालय को नोटिस जारी की है. इस सिलसिले में कहना है कि पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत इडी जांच में मिले तथ्यों की जानकारी हाइकोर्ट को देने के लिए बाध्य है.
जांच में मिले गंभीर तथ्यों को ‘सीलबंद’ लिफाफे में कोर्ट में पेश किया जा चुका है. आवश्यकता पड़ने पर इडी की ओर से हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में शपथ पत्र दायर किया जायेगा. वर्तमान मामले की गंभीरता को देखते हुए इडी ने इन तथ्यों को किसी ऐसी पुलिस एजेंसी के साथ साझा नहीं करने की सलाह दी है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकार के पास हो.